Flood: उत्तर बिहार के 13 जिलों में बाढ़ का खतरा, प्रशासन ने लोगों से की ये अपील

बिहार के शिवहर में बाघमती नदी में भी उफान जारी है। यह खतरे के निशान से 108 सेंटीमीटर ऊपर पहुंचा गयी है। इसके जलस्तर में वृद्धि जारी है। अ

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Flood: उत्तर बिहार के लगभग सभी जिलों और नेपाल के तराई क्षेत्र में बीते दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से राज्य के 13 जिलों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। 28 सितंबर को दोपहर 12 बजे तक कोसी बराज पर 05 लाख 07 हजार 690 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया है। पानी के दबाव को देखते हुए बराज के सभी 56 फाटक खोल दिए गए हैं।

56 साल बाद आया है इतना पानी
नदी में इतना पानी 56 साल बाद आया है। यह 1968 में नदी के सबसे अधिक फ्लो से सिर्फ 01 लाख क्यूसेक कम है। दूसरी ओर नेपाल से सटे पश्चिम चंपारण जिले के वाल्मीकिनगर गंडक बराज से 03 लाख 39 हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हो रहा है जो 05 लाख 93 पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। यहां 21 साल पहले इतना पानी आया था। यह 2003 के फ्लो लेवल से थोड़ा ही कम है। दोनों नदियों में पानी 27 सितंबर को ही बढ़ गया। गंडक बराज से 28 सितंबर की सुबह 11 बजे तक 04 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है।

उफान पर बाघमती नदी
बिहार के शिवहर में बाघमती नदी में भी उफान जारी है। यह खतरे के निशान से 108 सेंटीमीटर ऊपर पहुंचा गयी है। इसके जलस्तर में वृद्धि जारी है। अररिया जिले में अति वृष्टि के कारण परमान, बकरा, रतुआ, नूना, कनकई,कृष्णा, सुरसर आदि नदियां उफान पर हैं। फलस्वरूप अगल-बगल के इलाकों में नदी का पानी फैल गया है, जिसके कारण जिले के दर्जनों गांव में बाढ़ से हालात पैदा हो गए हैं। निचले इलाकों में पानी फैलने के कारण लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं।

सुरक्षित स्थानों पर चले जाने की अपील
जिला प्रशासन निचले इलाकों में फैले पानी को लेकर आमलोगों से सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने की अपील कर रहे हैं। साथ ही बाढ़ जैसे हालात में फंसे ग्रामीणों को बाहर निकालने के लिए एसडीआरएफ की टीम रेस्क्यू में जुट गई है। डीएम अनिल कुमार, एसपी अमित रंजन, एसडीएम अनिकेत कुमार, सदर एसडीपीओ रामपुकार सिंह सहित अन्य अधिकारियों ने जोकीहाट, पलासी प्रखंड सहित अन्य प्रभावित इलाकों का दौरा कर स्थिति की जानकारी ली।

कई जिलों में बढ़ा बाढ़ का खतरा
सुपौल में कोसी नदी में जलस्तर में वृद्धि और भीमनगर बराज से 06 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के बाद जिले में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। इसे लेकर जिला प्रशासन ने तटबंध के भीतर रहने वाले लोगों से ऊंचे स्थानों पर शरण लेने की अपील की है। साथ ही तटबंध के भीतर स्थित स्कूलों को बंद रखने का भी आदेश जारी किया गया है।

कोशी नदी में नेपाल के द्वारा काफी मात्रा में पानी छोड़ने के बाद पूर्णिया में भी नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है और बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। इस स्थिति से सतर्क करने के लिए पूर्णिया प्रशासन ने लेटर जारी कर अलर्ट जारी किया है। लेटर में कहा गया है कि आपलोग कल सुबह नौ बजे तक अपने घर को छोड़कर ऊंचे चयनित स्थलों पर चले जाए। साथ ही कोई भी नाविक मछली मारने के लिए नाव को नदी में ना उतारें।

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नेपाल की नदी का जलस्तर खतरे के निशान के पार
पुलिस कार्यालय सुनसरी (नेपाल) से प्राप्त सूचना के मुताबिक, 28 सितंबर की सुबह आठ बजे जलस्तर 04 लाख 18 हजार 285 क्यूसेक प्रति सेकेंड मापा गया। नदी के जलस्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है। जिला प्रशासन कार्यालय सुनसारी ने बताया कि कोशी बराज में लगातार जलस्तर बढ़ने से खतरे के संकेत हैं। सप्तकोशी जलमापन केंद्र ने बताया है कि जलस्तर खतरा बिंदु से ऊपर पहुंच गया है। उदयपुर व सुनसरी के कुछ इलाकों में नदी में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।

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