Ayodhya: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अयोध्या के विकास के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। इन प्रयासों के तहत अब अयोध्या में रामलला पार्क के निर्माण का प्रस्ताव सामने आया है। इस पार्क के लिए प्रस्तावित स्थल को पहले से ही वेटलैंड (आर्द्रभूमि) में बदल दिया गया है।
सरकार के एक प्रवक्ता ने 28 सितंबर काे बताया कि अयोध्या में कूड़े के निस्तारण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। इसी दिशा में 14 कोसी परिक्रमा मार्ग पर अफीम कोठी के पास लिगेसी वेस्ट (पुराना कचरा) का निस्तारण किया गया है। पहले चरण में 68,200 मीट्रिक टन लिगेसी वेस्ट का वैज्ञानिक विधि से निस्तारण हो चुका है। निस्तारित भूमि का क्षेत्रफल 775 एकड़ बताया गया है। इस भूमि को अब पूर्व की भांति वेटलैंड में बदल दिया गया है। अमृत 2.0 परियोजना के अंतर्गत यहां रामलला पार्क का निर्माण प्रस्तावित है।
2023 में शुरू हुआ था निस्तारण का काम
लिगेसी वेस्ट के निस्तारण का काम 6 अप्रैल 2023 से शुरू हुआ था। नगर विकास विभाग द्वारा इसके लिए 2.54 करोड़ रुपये का फंड स्वीकृत किया गया था। इस कार्य का समापन 31 जुलाई 2024 को हुआ। कार्यदायी संस्था नगर निगम थी।
जानिए, क्या है पूरा प्लान
लिगेसी वेस्ट, यानी पुराने कूड़े का निस्तारण पर्यावरण के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इस कचरे में कंक्रीट, पॉलिथीन, रबड़, कांच, मिट्टी आदि मिश्रित होते हैं, जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं। लिगेसी वेस्ट प्लांट पुराने कचरे से कंक्रीट, पॉलिथीन और मिट्टी को अलग करेगा। इसके अलावा, इससे निकलने वाला आरडीएफ (जलने योग्य कचरा) को सीमेंट फैक्ट्रियों को बेचा जा सकेगा, जिससे राजस्व प्राप्त होगा। इस प्रक्रिया से कूड़े की वजह से बेकार पड़ी भूमि का पुनः उपयोग हो सकेगा और अन्य स्थानों पर पड़े पुराने कचरे का भी निस्तारण संभव हो पाएगा, जिससे वहां की भूमि भी इस्तेमाल के योग्य हो सकेगी।
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अयोध्या के विकास में अहम कदम
इस योजना के तहत अयोध्या में न सिर्फ सफाई अभियान को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि रामलला पार्क जैसे महत्वपूर्ण स्थानों का भी निर्माण होगा, जिससे धार्मिक और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी क्षेत्र का विकास होगा।