भारत में कोविड 19 का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इसे देखते हुए अमेरिका ने भारत में आए अपने नागरिकों को तत्काल देश छोड़ने की चेतावनी जारी की है। इसके लिए अमेरिकी डिपार्टमेन्ट ऑफ स्टेट ने चतुर्थ श्रेणी की चेतावनी जारी की है।
अमेरिका द्वारा जारी ट्रैवेल एडवायजरी के अंतर्गत सभी अमेरिकी नागरिकों से कहा गया है कि भारत में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण के कारण कुछ दिनों में स्वास्थ्य सुविधाएं कम पड़ने लगेंगी। इस परिस्थिति से बचने के लिए सभी नागरिक तत्काल अमेरिका के लिए प्रस्थान कर दें।
भारत के साथ अमेरिका
कोविड 19 संक्रमण के काल में अमेरिका ने भारत की सहायता के लिए साथ खड़े रहने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है। अमेरिका इसके लिए 100 मीलियन डॉलर की सहायता भारत में भेजने जा रहा है।
The United States is delivering emergency COVID-19 supplies worth more than $100 million in the coming days to support our partners in India. https://t.co/nKBTvGH8zM
— Adrienne Watson (@NSC_Spox) April 28, 2021
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अमेरिका सहायता की फैक्ट शीट
ऑक्सीजन सपोर्ट – अमेरिका 1,100 ऑक्सीजन सिलेंडर भारत को उपलब्ध कराएगा। जिसे बाद में भारत में ही रीफिल किया जा सकेगा
ऑक्सीजन कॉन्सेट्रेटर – 1700 ऑक्सीजन कॉन्सेट्रेटर भी अमेरिका देगा। जिसकी सहायता से वातावरण से ऑक्सीजन प्राप्त की जा सकेगी।
ऑक्सीजन जनरेशन सिस्टम (पीएसए) – कई सारे बड़े यूनिट भारत भेजे जाने हैं जिनमें से एक यूनिट से बीस मरीजों को ऑक्सीजन दिया जा सकेगा। इसके परिचालन के लिए अमेरिकी विशेषज्ञ भारतीय विशेषज्ञों के साथ मिलकर कार्य करेंगे।
वैक्सीन निर्माण एपीआई – अमेरिका ने वैक्सीन निर्माता कंपनी एस्ट्रा जेनेका को दिये गए अपने ऑर्डर में से वैक्सीन निर्माण सामग्री भारत को देने के लिए कहा है। इससे भारत में दो करोड़ वैक्सीन का निर्माण किया जा सकेगा।
रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट (आरडीटीएस) – दस लाख रैपिड डायग्नॉस्टिक टेस्ट भारत में भेजा जाना है। यह वही किट होगी जिसका उपयोग व्हाइट हाउस में किया जाता है। इससे 15 मिनट में भरोसेमंद जांच परिणाम मिल जाते हैं।
रेमडेसिविर इंजेक्शन – पहली खेप में 20 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन भारत में भेजी जाएगी। जिससे अस्पताल में भर्ती मरीजों को सहायता मिलेगी।
जन स्वास्थ्य सहायता – अमेरिकी सीडीसी इसके अंतर्गत भारतीय विशेषज्ञों के साथ मिलकर कार्य करेंगे। जिसमें लेबोरेटरी, सर्विलांस, एपिडोमियोलॉजी, बायोइन्फोर्मेटिक्स और जिनोमिक क्षेत्र शामिल है।
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