J-K Assembly polls: भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के नेता कविंदर गुप्ता (Kavinder Gupta) ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (People’s Democratic Party) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) पर निशाना साधते हुए हिजबुल्लाह (Hezbollah) के शीर्ष नेता हसन नसरल्लाह (Hassan Nasrallah) की हत्या पर उनकी ‘सहानुभूति’ पर सवाल उठाया और इसे ‘मगरमच्छ के आंसू’ करार दिया।
यह तब हुआ जब मुफ्ती ने 29 सितंबर (रविवार) को जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण के लिए अपना चुनाव प्रचार रद्द कर दिया और ‘लेबनान और गाजा के शहीदों, खासकर हसन नसरल्लाह के साथ एकजुटता’ दिखाई।
Cancelling my campaign tomorrow in solidarity with the martyrs of Lebanon & Gaza especially Hassan Nasarullah. We stand with the people of Palestine & Lebanon in this hour of immense grief & exemplary resistance.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) September 28, 2024
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हिंदुओं पर ‘हमलों और हत्याओं’ पर पीडीपी प्रमुख की चुप्पी
जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर ‘हमलों और हत्याओं’ पर पीडीपी प्रमुख की चुप्पी पर भी सवाल उठाया और कहा कि किसी को ‘मानवता के आधार पर’ बोलना चाहिए। ‘हसन नसरल्लाह की मौत से महबूबा मुफ्ती को इतना दुख क्यों होता है? जब बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमला होता है और उन्हें मार दिया जाता है, तो वे चुप रहती हैं। आज, जब हिजबुल्लाह का कमांडर मारा जाता है, तो वे एक दिन के लिए प्रचार रद्द कर देती हैं। ये मगरमच्छ के आंसू हैं और लोग इसके पीछे की मंशा समझते हैं। इस तरह की साजिश से कुछ नहीं होगा; उन्होंने कहा, ‘‘हमें मानवता की बात करनी चाहिए।’’
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महबूबा मुफ्ती का धार्मिक कार्ड
इससे पहले, भाजपा नेता और प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने भी इस मुद्दे पर मुफ्ती पर हमला किया और कहा कि वह तुष्टिकरण के लिए अपना “धार्मिक कार्ड” और “चुनावी स्टंट” खेल रही हैं। ठाकुर ने कहा, “दुनिया में कहीं भी युद्ध नहीं होना चाहिए…महबूबा मुफ्ती धार्मिक कार्ड खेल रही हैं। यह एक चुनावी स्टंट है। मैं दुनिया में किसी भी तरह के युद्ध की निंदा करता हूं। मुफ्ती जी के तुष्टिकरण करने का एक तरीका है।”
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महबूबा मुफ्ती का बयान
इससे पहले शनिवार को पीडीपी प्रमुख और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने रविवार के लिए अपना चुनाव अभियान रद्द करने का फैसला किया था। उन्होंने कहा था कि वह हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह की मौत के बाद “इस दुख की घड़ी में फिलिस्तीन और लेबनान के लोगों के साथ खड़ी हैं।” महबूबा मुफ्ती ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “लेबनान और गाजा के शहीदों, खासकर हसन नसरल्लाह के साथ एकजुटता में कल अपना अभियान रद्द कर रही हूं। हम इस दुख की घड़ी में फिलिस्तीन और लेबनान के लोगों के साथ खड़े हैं।”
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हसन नसरल्लाह की मौत
लेबनान के बेरूत में इजरायली हवाई हमले में हिजबुल्लाह के महासचिव हसन नसरल्लाह की मौत हो गई। इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने हत्या की पुष्टि करते हुए कहा, “हसन नसरल्लाह अब दुनिया को आतंकित नहीं कर पाएंगे।” गाजा में चल रहा संघर्ष इस क्षेत्र में इजरायल और ईरान समर्थित हिजबुल्लाह के बीच बार-बार हमलों के साथ बढ़ गया है। मध्य पूर्व में बढ़ते हालात ने चिंता बढ़ा दी है, जिसके बाद कई खिलाड़ियों ने युद्धविराम का आह्वान किया है।
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महबूबा की रणनीति या मजबूरी
जानकारों का यह भी कहना है की यह पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का अपने समर्थकों के बिच ऊर्जा लाने और इस्लामिक टच की राजनति के लिए आखरी प्रयास है। 1987 के चुनाव के बाद यह पहले चुनाव है जिसे किसी मजबूत संगठन ने बायकॉट नहीं किया है। जिस वजह से घाटी की पार्टी में बेचैनी शुरू से ही देखि गई है। इसके साथ पर्व सहयोगी रहे सज्जाद लोन और इंजीनियर रशीद की पैठ ने महबूबा मुफ़्ती को पहलर से ही कमजोर किया है। लोकसभा के बाद कांग्रेस और एनसी गठबंधन ने भी उन्हें कमजोर कड़ी बताते हुए किनारा कर लिया और विपक्षी गठबंधन से बहार का रास्ता दिखाया। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है की महबूबा मुफ़्ती का यह फैसला की वह चुनाव प्रचार नहीं करेंगी यह उनके समर्थकों में ऊर्जा भरने के आखरी प्रयास के जैसा देखे जा रहा है।
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