Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice) डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) ने 30 सितंबर (सोमवार) को एक वकील को फटकार लगाई (reprimanded a lawyer), क्योंकि उसने सुनवाई के दौरान अनौपचारिक रूप (informally) से ‘या’ (yeah) कहा था। सीजेआई (CJI) ने कहा कि उन्हें इस अभिव्यक्ति से एलर्जी है। उन्होंने वकील को यह भी याद दिलाया कि वह कोर्ट रूम में हैं, किसी कैफ़े में नहीं।
सुप्रीम कोर्ट एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई के खिलाफ इन-हाउस जांच की मांग की गई थी। जनहित याचिका में 2018 के एक मामले का जिक्र किया गया था जो सेवा विवाद से संबंधित था और जिसे गोगोई ने खारिज कर दिया था। शुरुआत में, सीजेआई उस समय नाराज हो गए जब याचिकाकर्ता ने पीठ के कुछ सवालों के जवाब में ‘हां’ के बजाय ‘या-या’ कहा, जिसमें जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा भी शामिल थे। उनके अनौपचारिक तरीके पर कड़ी आपत्ति जताते हुए सीजेआई ने कहा, “यह ‘या-या’ क्या है। यह कॉफी शॉप नहीं है। मुझे इस ‘या-या’ से बहुत एलर्जी है। इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती।”
CJI DY Chandrachud takes exception to a party-in-person saying “Ya”.
“Don’t say Ya Ya Ya. Say Yes. This is not a Coffee Shop. This is a Court. I am a little allergic to people saying Ya.”#SupremeCourt pic.twitter.com/mFJo642Os1
— Live Law (@LiveLawIndia) September 30, 2024
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सीजेआई ने पूछा, ‘आप जज के खिलाफ जनहित याचिका कैसे दायर कर सकते हैं?’
अदालत ने पूर्व सीजेआई के उल्लेख पर भी आपत्ति जताई। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने पुणे के एक वादी से कहा, “आप एक न्यायाधीश को प्रतिवादी बनाकर जनहित याचिका कैसे दायर कर सकते हैं? इसमें कुछ गरिमा होनी चाहिए। आप यह नहीं कह सकते कि मैं न्यायाधीश के खिलाफ आंतरिक जांच चाहता हूं। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश थे।”
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सीजेआई ने मराठी में वकील को समझाया
इसके अलावा, न्यायालय ने सेवा मामले में जनहित याचिका खारिज होने के बाद उसे दायर करने के लिए वकील को फटकार भी लगाई। सीजेआई ने कहा कि उन्हें क्यूरेटिव याचिका दायर करनी चाहिए थी। बाद में सुनवाई के दौरान सीजेआई ने वादी को कानूनी मुद्दों को समझाने के लिए मराठी में भी बात की और उनसे न्यायालय रजिस्ट्री के समक्ष यह बयान देने को कहा कि वे पूर्व सीजेआई का नाम पक्षकारों की सूची से हटा देंगे।
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