Indore: लालबाग के पास 7 एकड़ का धोबीघाट अब नगर निगम की संपत्ति हो गया है। इस संपत्ति पर वक्फ बोर्ड ने दावा किया था। इससे पहले कोर्ट ने वक्फ बोर्ड के पक्ष में फैसला सुनाया था। इस आदेश के खिलाफ नगर निगम ने सिविल अपील दायर की थी। दिलचस्प बात यह है कि अपील दायर करने के बाद नगर निगम ने मामले को ढीला छोड़ दिया था।
2015-16 में कोर्ट ने नगर निगम को अपना पक्ष रखने का मौका दिया था। इसके बाद हिंदू संगठन ने हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल कर निचली अदालत में अपना पक्ष रखने का मौका देने की मांग की। हाईकोर्ट ने अर्जी स्वीकार कर ट्रायल कोर्ट को नगर निगम का पक्ष सुनने का आदेश दिया।
धोबीघाट का नाम से दर्ज
नगर निगम के रिकार्ड में यह जमीन धोबीघाट के नाम से दर्ज है। यह जमीन कुछ समय के लिए ताजिया ठंडा करने और मेलों के लिए दी गई थी। इस जमीन पर वक्फ बोर्ड का पूरा दावा था। इस मामले पर अंतिम सुनवाई न्यायाधीश नरसिंह बघेल की अदालत में हुई। अदालत ने निगम की सिविल अपील को स्वीकार कर लिया और निगम के पक्ष में आदेश पारित किया।
नगर निगम की लापरवाही
सिविल अपील दायर करने के बावजूद नगर निगम ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। दर्जनों बार तारीख तय करने के बावजूद नगर निगम की ओर से कोई दलील पेश नहीं की गयी। अदालत द्वारा बचाव का अवसर समाप्त होने और अंततः सुनवाई करने का निर्देश देने के बाद धारा 10-1 के तहत अदालत में एक आवेदन दायर किया गया था। हाई कोर्ट में एक अर्जी दाखिल कर अपना पक्ष रखने का मौका मांगा गया था। यदि हाईकोर्ट से अंतरिम राहत नहीं मिलती तो यह जमीन त नगर निगम के हाथ से निकल जाती।
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निगम हाईकोर्ट में कैविएट करेगा
पुष्यमित्र भार्गव, महापौर ने कहा कि जिला न्यायालय ने भी इस बात की पुष्टि की है कि यह जगह नगर निगम की है। हम जल्द ही हाईकोर्ट जाएंगे। नगर निगम की ओर से कैविएट दाखिल की जायेगी।