Navratri 2024: ‘लव जिहाद’ रोकने और उत्सव की पवित्रता बनाए रखने के लिए हिंदू जनजागृति समिति की बड़ी मांग, जानें क्या कहा

ऐसे में जिन लोगों को मूर्ति पूजा मान्य नहीं है, उन्हें देवी की मूर्ति के सामने गरबा खेलने का प्रवेश नहीं दिया जाना चाहिए।

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Navratri 2024: नवरात्रि (Navratri), श्री आदिशक्ति की उपासना (worship of Shri Adishakti), मांगल्य और पवित्रता का पर्व है; परंतु आज देशभर में बढते हुए महिलाओं पर अत्याचार (atrocities on women), लाखों की संख्या में महिलाओं के लापता होने, ‘लव जिहाद’ (Love Jihad) के माध्यम से हिंदू युवतियों को निशाना बनाए जाने जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं। इसलिए नवरात्रि उत्सव में ‘लव जिहाद’ से महिलाओं की सुरक्षा और उत्सव की पवित्रता बनाए रखना आवश्यक है। ऐसे में जिन लोगों को मूर्ति पूजा मान्य नहीं है, उन्हें देवी की मूर्ति के सामने गरबा खेलने का प्रवेश नहीं दिया जाना चाहिए।

गरबा हिंदुओं का धार्मिक उत्सव है। केवल उन्हीं को वहां आना चाहिए जिनकी आस्था हिंदू देवताओं में है। जो मूर्तिपूजा नहीं मानते और गरबा में शामिल होने का प्रयास करते हैं, उनके माध्यम से ‘लव जिहाद’ का संकट पैदा होने की संभावना है। इसलिए ‘लव जिहाद’ को रोकने और उत्सव की पवित्रता बनाए रखने के लिए गरबा में केवल हिंदुओं को ही प्रवेश दिया जाए, ऐसा आवाहन हिंदू जनजागृति समिति ने नवरात्रि के अवसर पर सभी गरबा आयोजकों से किया है।

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बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों की संख्या
इस संदर्भ में गुजरात, मध्य प्रदेश सहित महाराष्ट्र के सोलापुर जिले की पुलिस ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए हर व्यक्ति का आधार कार्ड देखकर प्रवेश देने का निर्णय लिया है, जिसका हम दिल से स्वागत करते हैं; लेकिन यह नियम केवल कुछ राज्यों या जिलों में नहीं, अपितु पूरे देशभर में लागू किया जाना चाहिए। आज देशभर में अवैध रूप से घुसपैठ किए हुए बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों की संख्या बड़ी मात्रा में बढ रही है। सुरक्षा एजेंसियों को इन घुसपैठियों का अपराधी गतिविधियों में शामिल होने का पता चला है। यह बहुत ही गंभीर है और नवरात्रि उत्सव में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा अपराधिक कृत्य करने की कोशिश की जा सकती है। इसलिए गरबा आयोजकों को इस विषय को गंभीरता से लेना चाहिए।

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गैर-हिंदुओं को गरबा में प्रवेश
जिन गैर-हिंदुओं को नवरात्रि में गरबा में भाग लेना हो, उन्हें पहले श्रद्धा के साथ विधिपूर्वक हिंदू धर्म को अपनाना चाहिए। हिंदू देवताओं की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। तिलक धारण करके फिर गरबा उत्सव में शामिल होना चाहिए। अन्यथा गणेशोत्सव, रामनवमी आदि के जुलूस निकलते हैं, तब गलती से गुलाल पड़ने या लाउडस्पीकर की आवाज को लेकर दंगे करने वाले लोग नवरात्रि के गरबा में आनंद से कैसे शामिल होते हैं, यह सवाल उठता है। इसलिए गैर-हिंदू किस उद्देश्य से गरबा में प्रवेश करने का प्रयास करते हैं, यह महत्वपूर्ण है, इस ओर समिति ने भी ध्यान आकर्षित किया है।

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नवरात्रि में फिल्मी अश्लील गीत
नवरात्रि का अर्थ है, नौ दिनों तक देवी की भक्तिभाव से आराधना का व्रत, और इसकी पवित्रता बनाए रखना आवश्यक है। आजकल नवरात्रि में फिल्मी अश्लील गीत बजाने, उन पर अशोभनीय तरीके से नाचने, महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करने, छोटे कपड़े पहनकर गरबा में शामिल होने जैसी घटनाएं हो रही हैं। इससे महिलाओं की सुरक्षा को खतरा हो सकता है, इसलिए इसे रोका जाना चाहिए। साथ ही उत्सवों के बाजारीकरण को रोकने के लिए भी प्रयास किए जाने चाहिए, ऐसा समिति ने कहा है।

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