Delhi: जिस पावर डिस्कॉम कंपनी की ऑडिट कराने की बात मार्लेना सरकार कर रही है, उसमें 49 फीसदी की हिस्सेदारी खुद दिल्ली सरकार की हैहर्ष। यह बात भाजपा नेता हर्ष मल्होत्रा ने कही है। उन्होंने कहा कि मार्लेना सरकार स्वयं केजरीवाल और उस वक्त की बिजली मंत्री रही आतिशी मार्लेना के खिलाफ यह जांच करवा रही है।
केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने कहा है कि यह बहुत ही हास्यास्पद है कि जिस डिस्कॉम कंपनी में दिल्ली सरकार की 49 फीसदी हिस्सेदारी है,उसका ऑडिट कराने का वह ड्रामा कर रही है।
किसकी जांच करा रही हैं मुख्यमंत्री आतिशी
मार्लेना सरकार बताये कि डिस्कॉम के खिलाफ जांच बैठाकर क्या वह अपने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल या फिर स्वयं मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना के खिलाफ जांच करवा रही है क्योंकि उसमें बिजली मंत्री के नाते वह खुद इसमें शामिल थीं। हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि आतिशी मार्लेना बताए कि आखिर डिस्कॉम के कर्मचारियों के पेंशन के लिए जो शेष है, वह जनता से क्यों लिया जाना चाहिए,u डिस्कॉम कंपनी को खुद इसको पे करना चाहिए।
इसके अलावा भी कई ऐसे चार्ज बिजली बिल में ऐड होकर आते हैं, जिसके कारण बिजली के बिल अधिक जमा करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि किसी का बिल यूनिट्स के अनुसार 100 रुपए का आना चाहिए तो शेष और अन्य चार्जेज मिलाकर यह 185 रुपए का आता है। लेकिन इन्हें आज ही ध्यान आया जबकि यह पिछले 10 सालों से मार्लेना सरकार का यह भ्रष्टाचार चल रहा है।
हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि बिजली के नाम पर करोड़ों रुपए का आज यह नया भ्रष्टाचार है जिसकी ऑडिट करने की बात खुद मार्लेना सरकार कर रही है।
केजरीवाल सरकार और आतिशी की सरकार की भ्रष्टाचार के परते खुलनी शुरू हो गई हैं। इन लोगों ने डर की वजह से खुद ही पेंशन सेस जो बिजली के बिलों के जरिए आम जनता पर लगाया है उसके खिलाफ आज कहा है उसके इंक्वारी ऑडिट करवाएंगे।
मल्होत्रा ने कहा कि यह सब सिर्फ जनता को बेवकूफ बनाने की चाल है ताकि दिल्ली की जनता के सामने अपने आप को पाक साफ बता सके। इसमें बहुत बड़ा भ्रष्टाचार है और इसमें से स्वंय दिल्ली के मुख्यमंत्री अतिशी शामिल हैं एवं अरविंद केजरीवाल भी शामिल थे।
भाजपा का आरोप
यह सब ड्रामा ठीक उसी प्रकार का है, जैसे केजरीवाल जो कभी कहते थे क्यों ना तो बांग्ला लेंगे ना सिक्योरिटी लेंगे और ना ही गाड़ी लेंगे अब वह बंगलों में ही रहना चाहते हैं। इनको फालतू का ड्रामा करने की आदत है। 52 करोड़ रुपए इन्होंने सीएम आवास में रखरखाव के लिए लगाए इनका मन तो यह कर रहा था, वहीं रह जाऊं लेकिन जो विधायक और नेता हैं, वह आज सब इनके खिलाफ हैं।