China: वायुसेना प्रमुख (Air Force Chief) एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह (Air Chief Marshal Amar Preet Singh) ने शुक्रवार को कहा कि चीन (China) वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) पर तेजी से बुनियादी ढांचे का निर्माण (infrastructure construction) कर रहा है, खासकर लद्दाख सेक्टर (Ladakh sector) में, जबकि भारत (India) भी सीमा पर अपने बुनियादी ढांचे को उन्नत कर रहा है।
वायुसेना दिवस से पहले एक संवाददाता सम्मेलन में एपी सिंह ने विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में भू-राजनीतिक तनाव और संघर्षों पर भी बात की और कहा कि भविष्य की किसी भी सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए स्वदेशी हथियार प्रणालियों का होना महत्वपूर्ण है।
In the turn of global events, where we see that nations are getting into contestations more and more. In this scenario, the importance of air power comes up. Our focus has been on training with war-like situations and that is more important. Training has been given more push as… pic.twitter.com/GrAER22nu2
— ANI (@ANI) October 4, 2024
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भारत में निर्मित सभी हथियार
एपी सिंह ने कहा, “भारतीय वायुसेना के पास 2047 तक भारत में निर्मित सभी हथियार होने चाहिए।” एक सवाल के जवाब में एयर चीफ मार्शल ने कहा कि रूस ने एस-400 मिसाइल सिस्टम की तीन यूनिटें डिलीवर कर दी हैं और उसने अगले साल तक बाकी दो यूनिटें डिलीवर करने का वादा किया है। एक बेहतरीन टेस्ट पायलट एपी सिंह ने पिछले महीने भारतीय वायुसेना के नए प्रमुख का पद संभाला था। उन्होंने एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी का स्थान लिया, जो तीन साल तक चीफ के तौर पर काम करने के बाद आज सेवानिवृत्त हो गए।
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40 वर्षों की लंबी और प्रतिष्ठित सेवा
एयर चीफ मार्शल सिंह इससे पहले वायुसेना के उप प्रमुख थे। 27 अक्टूबर 1964 को जन्मे एसीएम सिंह को दिसंबर 1984 में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू पायलट वर्ग में शामिल किया गया था। लगभग 40 वर्षों की अपनी लंबी और प्रतिष्ठित सेवा के दौरान, उन्होंने विभिन्न कमांड, स्टाफ, इंस्ट्रक्शनल और विदेशी नियुक्तियों में काम किया है।
5,000 घंटे से अधिक उड़ान का अनुभव
राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज और राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज के पूर्व छात्र, वे एक योग्य उड़ान प्रशिक्षक और एक प्रायोगिक परीक्षण पायलट हैं, जिनके पास विभिन्न प्रकार के फिक्स्ड और रोटरी विंग विमानों पर 5,000 घंटे से अधिक उड़ान का अनुभव है।
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