- नरेश वत्स
Bangladeshi infiltration: देश के कई राज्यों में डेमोग्राफी (Demography) तेजी से बदल रही है । झारखंड (Jharkhand) और पश्चिम बंगाल (West Bengal) में इसका प्रभाव साफ देखा जा रहा है। झारखंड के संथाल परगना (Santhal Pargana) में हो रहा डेमोग्राफिक बदलाव (Demographic change) इस समय राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक के लिए चिंता का विषय है । हाल में केंद्र सरकार ने झारखंड के कई इलाकों में हो रहे जनसंख्या बदलाव से संबंधित जवाब झारखंड उच्च न्यायालय (Jharkhand High Court) में दाखिल किया, जिसमें चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं ।
केंद्र सरकार द्वारा दाखिल किए गए जवाब से पता चला कि कैसे संथाल परगना के साहिबगंज, पाकुड़, दुमका ,गोंडा और जामताड़ा समेत 6 जिलों में 16 प्रतिशत तक जनजातीय समुदाय की आबादी घटी है। इन जिलों में मुसलमानों की आबादी में 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और दो जिले साहिबगंज और पाकुड़ में तो उनकी संख्या 35 प्रतिशथ तक बढ़ी है। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि जनजातियों से रोटी, बेटी और माटी को किस प्रकार से छिना जा रहा है ।
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कैसे उठा डेमोग्राफी बदलने का मामला
झारखंड के संथाल परगना में बड़े पैमाने पर बांग्लादेशी घुसपैठ हुई है । इससे संबंधित क्षेत्र की डेमोग्राफी बदल गई है । डेमोग्राफी बदलाव के पीछे सबसे बड़ा कारण पलायन, घुसपैठ और धर्मांतरण और वोट बैंक माना जा रहा है।
केन्द्र सरकार के अनुसार ,1951 की जनगणना में संथाल परगना की कुल जनसंख्या 23,22,0922 थी, जिसमें हिंदू 90.37 प्रतिशत , मुस्लिम 9.43 प्रतिशत और ईसाई 0.18 प्रतिशत थे । 2011 की जनगणना के अनुसार संथाल परगना की कुल जनसंख्या 69,69,097 दर्ज की गई थी । जिसमें हिंदू 67.95 प्रतिशत और मुस्लिम आबादी 22.73 प्रतिशत और ईसाई 4.21 प्रतिशत हो गए।
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बढ़ रही है मुसलमानों की आबादी
झारखंड में मुसलमानों की आबादी तेजी से बढ़ रही है। झारखंड के गोंडा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने हाल ही में संसद में यह बात कही है । उन्होंने केन्द्र सरकार से मांग की है कि झारखंड में राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण {एनआरसी} को लागू किया जाए और पश्चिम बंगाल के मालदा और मुर्शिदाबाद जिलों को केंद्र शासित बनाया जाए। निशिकांत दुबे ने कहा कि झारखंड में आदिवासी समुदाय की आबादी 10 प्रतिशत तक घट गई है और मुस्लिम युवक आदिवासी महिलाओं से शादी कर रहे हैं। झारखंड बिहार से अलग होकर जब अलग राज्य बना था, तब संथाल परगना क्षेत्र में 2000 में 36 फीसदी आदिवासी जनसंख्या जो अब घटकर 26 फीसदी रह गई है। देश के सीमावर्ती इलाकों में आबादी के हिसाब से भौगोलिक परिस्थितियां बदलती जा रही हैं ।
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बॉर्डर जिलों में बड़ रही मुस्लिम आबादी
बार्डर पर बसे गांवों में मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ रही है । उत्तर प्रदेश और असम के कई जिलों में मुस्लिम आबादी 32 फीसदी तक बढ़ गई है। बॉर्डर पर बसे कई इलाकों के कई गांवों मुस्लिम आबादी 50 फीसदी को भी पार कर गई है। मसलन उत्तर प्रदेश के 7 जिलों के 116 गांवों में तो मुसलमान की आबादी 50 से ज्यादा बढ़ गई है । सीमावर्ती गांवों में 303 गांव ऐसे हैं जिनमें मुसलमान के आबादी तेजी से बढ़ रही है । मुस्लिम आबादी के साथ उनके धार्मिक स्थल मस्जिदें भी 30 फीसदी तक बढ़ गई है ।
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मस्जिदों और मदरसों की बाढ़
रिपोर्ट के अनुसार इन जिलों में मस्जिद और मदरसे तेजी से बन रहे हैं । यह बात इसलिए खतरनाक है क्योंकि इस रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश के 7 जिलों की बात की गई है । इन सात जिलों के तकरीबन 1000 से अधिक गांवों के आंकड़ों की ग्राउंड रिपोर्ट को इस संवेदनशील रिपोर्ट में शामिल किया गया । इस रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश के सात जिलों में से 116 गांव में तो मुसलमान की आबादी 50 फीसदी को भी पार कर गई है ।
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बंगाल में घुसपैठियों का स्वागत
पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशी घुसपैठियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बांग्लादेश के घुसपैठियों को लेकर हमेशा दरियादिली दिखाने में लगी रहती है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने ताजा बयान में बांग्लादेश के असहाय लोगों के लिए बंगाल के दरवाजे खोलने की बात कही है । एक तरफ पश्चिम बंगाल में बढ़ते मजहबी उन्माद के कारण राज्यों के कानून व्यवस्था नियंत्रण से बाहर जा रही है। दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल में हिंदुओं को निशाना बनाए जाने की खबरें आ रही है। पश्चिम बंगाल की भूमि को भद्रजन की धरती कहा जाता है । लेकिन अब बंगाल की संस्कृति और सभ्यता को मिटाने का प्रयास किया जा रहा है।
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बदल रही है बंगाल की डेमोग्राफी
बांग्लादेश की सीमा से सटा हुआ है नादिया जिला, जिसमें मुसलमानों की आबादी करीब 30 फीसदी है ।बांग्लादेश की सीमा से सटे नदिया जिले में बांग्लादेशी घुसपैठिये बड़ी आसानी से पहुंचते हैं और धीरे-धीरे अपने गैर कानूनी धंधे में लिप्त होकर अपना कारोबार खड़ा करते हैं । इस कारण पश्चिम बंगाल में पूरे हिंदुओं पर होने वाले हमलों में तेजी आई है। इसी तरह उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट और बादुरिया जैसे सीमावर्ती इलाकों में मस्जिदे बड़े पैमाने पर बनाई जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है इन इलाकों में गाय से लेकर हथियारों और ड्रग्स तक की तस्करी बढ़ गई है।
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बंगाल में एक करोड़ घुसपैठिया
एक आंकड़े के अनुसार भारत में कुल 2 करोड़ मुसलमान घुसपैठिया मौजूद हैं, जिनमें से अकेले पश्चिम बंगाल में एक करोड़ मुसलमान घुसपैठिया मौजूद हैं। पश्चिम बंगाल के मालदा जिले और बांग्लादेश की सीमा 172 किलोमीटर लंबी है। इसमें 50 किलोमीटर की सीमा खुली हुई है। इस सीमा में कई नदियां बहती हैं। इस कारण मालदा के इलाकों में सीमा जिहादी और सामाजिक तत्व पशु तस्करी और जाली मुद्रा की तस्करी के कारोबार को बेरोकटोक अंजाम दे रहे हैं।
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