Sanjauli Masjid dispute: मुस्लिम पक्ष को जोर का झटका, कोर्ट ने दिया यह आदेश

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के उपनगर संजौली की मस्जिद में अवैध निर्माण पर कोर्ट का फ़ैसला आ गया। मस्जिद में अवैध निर्माण की पिछले 14 सालों से आयुक्त कोर्ट में सुनवाई चल रही है। 46वीं सुनवाई पर नगर निगम आयुक्त ने 5 अक्टूबर यह बड़ा फैसला सुनाया है।

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Sanjauli Masjid dispute:हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के उपनगर संजौली की मस्जिद में अवैध निर्माण पर कोर्ट का फ़ैसला आ गया। सुर्खियों में रहने वाली इस विवादित चार मंजिला मस्जिद में अवैध निर्माण को लेकर 5 अक्टूबर को नगर निगम के कोर्ट में सुनवाई हुई। नगर निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर सुनवाई करते हुए मस्जिद कमेटी को अहम आदेश दिया है। इसमें कहा गया कि मस्जिद की ऊपर की तीन मंजिलें गैर कानूनी रूप से बनी हैं। कोर्ट ने आदेश जारी किए हैं कि मस्जिद की दूसरी, तीसरी और चौथी मंजिलों को गिराना होगा।

मुस्लिम पक्ष को दो माह के भीतर गिराना होगा मस्जिद की तीन मंजिल
मस्जिद में अवैध निर्माण की पिछले 14 सालों से आयुक्त कोर्ट में सुनवाई चल रही है। 46वीं सुनवाई पर नगर निगम आयुक्त ने 5 अक्टूबर यह बड़ा फैसला सुनाया है। मुस्लिम पक्ष को दो माह के भीतर मस्जिद की तीन मंजिलों को गिराने के आदेश दिए गए हैं। वक्फ बोर्ड और मस्जिद कमेटी को अपने खर्चे पर तीन मंजिलें गिराने को कहा गया है। कोर्ट ने मामले की आगामी सुनवाई 21 दिसंबर 2024 को निर्धारित की है।

अपने पैसे से तोड़क कार्रवाई करने का आदेश
वक्फ बोर्ड के वकील भूप सिंह ठाकुर ने सुनवाई के बाद पत्रकारों से बातचीत में बताया कि कोर्ट ने स्थानीय लोगों को इस मामले में पार्टी बनाने के आवेदन को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने मस्जिद की ऊपर की तीन मंजिलें गिराने के आदेश पारित किए हैं। मस्जिद कमेटी व वक्फ बोर्ड को इसे अपने खर्चे पर इन मंजिलों को तोड़ने के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि मस्जिद कमेटी ने इन मंजिलों को गिराने के लिए खुद ही कोर्ट में लिखित आवेदन भी दिया था। नगर निगम कोर्ट ने इन्हें तोड़ने के लिए दो माह का समय दिया है।

 हिंदू संगठनों ने संजौली में किया था उग्र प्रदर्शन-
संजौली की इस मस्जिद के मुद्दे पर पूरे प्रदेश में कोहराम हुआ। हिन्दू संगठनों के बैनर तले हिन्दू शिमला सहित अन्य जिलों में सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर अवैध मस्जिदों को गिराने और बाहर से आने वाले विशेष समुदाय के लोगों की रजिस्ट्रेशन की मांग कर रहे हैं। संजौली में बीते 11 सितम्बर को हिंदूओं ने उग्र प्रदर्शन कर विवादित मस्जिद स्थल तक पहुंचने की कोशिश की थी। इस दौरान पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोकने की कोशिश की थी, जिसे लोगों ने तोड़ दिया और आगे बढ़ने लगे थे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए वाटर कैनन चलाया और लाठीचार्ज किया था। इसमें कई प्रदर्शनकारी घायल हुए थे। वहीं आधा दर्जन पुलिस कर्मियों को भी चोटें आई थीं। गाैरतलब बात यह रही कि संजौली की मस्जिद का मुद्दा गरमाने के बाद प्रदेश के अन्य जिलों की मस्जिदों में भी अवैध निर्माण के मामले सामने आए और हिंदुओं ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। बीते सितंबर माह में नगर निगम मंडी की कोर्ट ने वहां बनी एक मस्जिद के अवैध ढांचे को गिराने के आदेश दिए हैं।

बिना अनुमति खड़ी कर दीं चार मंजिलें
संजौली की इस विवादित मस्जिद का निर्माण 2007 में शुरू हुआ था। स्थानीय लोगों ने मस्जिद को अवैध बताते हुए वर्ष 2010 में इसके खिलाफ नगर निगम की कोर्ट में याचिका दाखिल की। तब से यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है। खास बात यह है कि तब से लेकर प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस की सरकारें रहीं, लेकिन किसी भी सरकार के कार्यकाल ने इसे लेकर गंभीरता नहीं दिखाई। इस पूरे मामले में नगर निगम के अधिकारियों की भी लापरवाही मानी जा रही है। दरअसल नगर निगम की कोर्ट ने मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर बार-बार नोटिस जारी किए गए, फिर भी चार मंजिलें अवैध तरीके से खड़ी हो गईं। नगर निगम प्रशासन पर यह भी आरोप है कि अवैध निर्माण होने पर बिजली पानी का कनेक्शन क्यों नहीं काटा गया। मस्जिद कमेटी के पूर्व प्रधान ने कोर्ट में बताया कि वर्ष 2012 तक मस्जिद दो मंजिला थी। इसके बाद यहां अवैध निर्माण हुआ। हैरत की बात यह भी है कि जब मामला कोर्ट में विचाराधीन था, तब मस्जिद में अवैध निर्माण कैसे हो गया। मस्जिद की जगह पर भी विवाद है। कैबिनेट मंत्री अनिरुद्व सिंह ने विधानसभा में बयान दिया था कि यह मस्जिद हिमाचल सरकार की जमीन पर बनी है। हालांकि वक्फ बोर्ड ने कोर्ट में दावा किया कि मस्जिद का निर्माण उनकी जमीन पर हुआ है।

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 मारपीट से भड़की थी चिंगारी
शिमला का मल्याणा क्षेत्र कुसुंपटी विधानसभा के अंतर्गत आता है और कांग्रेस मंत्री अनिरुद्व सिंह यहां के विधायक हैं। अगस्त माह के दूसरे पखवाड़े में मल्याणा में एक दुकान करने वाले 37 वर्षीय विक्रम सिंह के साथ एक युवक और उसके दोस्तों ने मारपीट की थी। मारपीट करने वाले युवक विशेष समुदाय (मुस्लिम) से ताल्लुक रखते हैं। वे बाहरी राज्य से ताल्लुख रखते हैं और शिमला में छोटा-मोटा कारोबार करते हैं। दोनों पक्षों के बीच हल्की कहासुनी हुई, जो मारपीट में बदल गई थी। विशेष समुदाय के युवकों ने विक्रम सिंह पर झंडों व रॉड से वार किया, जिससे वह बुरी तरह जख्मी हो गया था। विक्रम सिंह के सिर पर करीब 14 टांके लगे। ढली पुलिस ने इस केस में छह आरोपिताें को गिरफ्तार कर लिया था। चौंकाने वाली बात यह है कि आरोपिताें में दो नाबालिग थे। आरोप है कि वारदात करने के बाद ये आरोपित मस्जिद में आकर छिप गए थे। उसके बाद हिंदू संगठनों ने संजौली में प्रदर्शन किया और मस्जिद को अवैध बताते हुए गिराने की मांग की। बीते दो सितंबर को लोग संजौली की विवादित मस्जिद के सामने पहुंचे और मस्जिद के सामने वहां पर हनुमान चालीसा का पाठ किया। हिंदू संगठनों के बैनर तले प्रदर्शनकारियों ने इस मस्जिद में अवैध निर्माण का मुद्दा उठाया और इसे गिराने की प्रशासन से मांग की। इसके बाद इस मामले ने सियासी तूल पकड़ा और विधानसभा से लेकर सड़कों तक प्रदर्शन हुए।

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