West Bengal: आरजी कर के सीनियर डॉक्टरों ने बढ़ाई ममता की टेंशन, आंदोलन के समर्थन में उठाया ये कदम

8 अक्टूबर की सुबह आरजी कर के जूनियर डॉक्टरों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने पश्चिम बंगाल राज्य मेडिकल काउंसिल में भ्रष्टाचार के कई आरोप लगाए और उच्च स्तरीय जांच की मांग की।

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West Bengal: धर्मतला(Dharmatala) में अपनी दस सूत्री मांगों(Ten point demands) के लिए अनशन(Hunger strike) पर बैठे सात जूनियर डॉक्टरों के समर्थन(Support of junior doctors) में 8 अक्टूबर को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल(RG Kar Medical College and Hospital) के 50 सीनियर डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफा(50 senior doctors resign en masse) दे दिया। इस घटनाक्रम ने आंदोलन को नाटकीय मोड़ पर ला खड़ा कर दिया है। जूनियर डॉक्टरों ने सीनियर डॉक्टरों को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’(Guard of honour) देकर उनके इस फैसले का स्वागत किया।

सीनियर डॉक्टरों ने दिया सामूहिक इस्तीफा
सीनियर डॉक्टरों ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर इस्तीफा सौंपा और मांग की है कि आंदोलनरत डॉक्टरों की मांगों पर सरकार तत्काल कदम उठाए। आरजी कर के एक सीनियर डॉक्टर ने कहा, “आमरण अनशन आखिरी विकल्प है। मजबूरी में जूनियर डॉक्टरों ने यह कदम उठाया है। ढाई दिन से ज्यादा समय बीत चुका है और अब तक सरकार की तरफ से कोई ठोस पहल नहीं की गई है। इसलिए हमने सामूहिक इस्तीफा दिया है और इसके बाद हम व्यक्तिगत रूप से भी इस्तीफा देने का रास्ता अपना सकते हैं।”

आमरण अनशन पर जूनियर डॉक्टर
उल्लेखनीय है कि 6 अक्टूबर से धर्मतला में एक अस्थायी मंच पर जूनियर डॉक्टर आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। उनकी मांगों को लेकर 50 सीनियर डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफा देकर अपना समर्थन जताया है। शनिवार को जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल समाप्त कर अनशन शुरू करने का फैसला किया था, लेकिन अब सीनियर डॉक्टरों के इस्तीफे से पूजा के दौरान आरजी कर अस्पताल की चिकित्सा सेवाएं बाधित होने की आशंका जताई जा रही है।

मुख्य सचिव की अपील का नहीं हुआ असर
7 अक्टूबर को राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जूनियर डॉक्टरों से अनशन खत्म करने की अपील की थी। उन्होंने आश्वासन दिया था कि राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों के 90 प्रतिशत विकास कार्य अगले 10 तारीख तक पूरे हो जाएंगे। हालांकि, उन्होंने किसी विशेष महीने का जिक्र नहीं किया था। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि अस्पतालों में रेफरल सिस्टम का पायलट प्रोजेक्ट 15 तारीख से शुरू होगा और एक नवंबर से पूरे राज्य में इसे लागू किया जाएगा। पंत ने कहा, “हम सभी से काम पर लौटने की अपील कर रहे हैं। बहुत से लोग लौट चुके हैं और बाकी भी लौटें ताकि हम मिलकर अस्पताल के माहौल को सुधार सकें।”

सरकार पर बढ़ रहा है दबाव
मुख्य सचिव के आश्वासनों के बाद भी सीनियर डॉक्टरों का यह सामूहिक इस्तीफा सरकार पर दबाव बनाने के लिए उठाया गया एक बड़ा कदम माना जा रहा है। हालांकि, सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में विकास कार्यों का आश्वासन दिया है, लेकिन जूनियर डॉक्टरों की बाकी मांगों पर कुछ नहीं कहा गया है। इसी कारण सीनियर डॉक्टरों ने इस्तीफा देकर दबाव बढ़ाने का फैसला किया है।

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राज्य के मेडिकल कॉलेजों में भ्रष्टाचार का आरोप
8 अक्टूबर की सुबह आरजी कर के जूनियर डॉक्टरों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने पश्चिम बंगाल राज्य मेडिकल काउंसिल में भ्रष्टाचार के कई आरोप लगाए और उच्च स्तरीय जांच की मांग की। प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद सीनियर डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफे का निर्णय लिया। इसके साथ ही, जूनियर डॉक्टरों ने बताया कि मंगलवार शाम साढ़े चार बजे कॉलेज स्क्वायर से धर्मतला तक एक रैली निकाली जाएगी।

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