Assembly elections: कांग्रेस की हार, गठबंधन में बढ़ने लगी तकरार! जानिये किसने क्या कहा

हरियाणा और जम्मू - कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजों पर इंडी गठबंधन के साथियों ने कांग्रेस को सीख दी है। समझा जा रहा है कि दोनों ही प्रदेशों में कांग्रेस की हार के बाद इंडी गठबंधन में तकरार शुरू हो गया है।

82

Assembly elections: हरियाणा और जम्मू – कश्मीर विधानसभा चुनाव के नतीजों पर इंडी गठबंधन के साथियों ने कांग्रेस को सीख दी है। समझा जा रहा है कि दोनों ही प्रदेशों में कांग्रेस की हार के बाद इंडी गठबंधन में तकरार शुरू हो गया है।

यहां प्रस्तुत है उसकी एक झलक-
-शिवसेना-उद्धव ठाकरे के सांसद संजय राउत ने कहा, ‘हरियाणा में इंडी गठबंधन नहीं बन पाया क्योंकि कांग्रेस को लगता था कि वे अपनी ताकत पर जीत जाएंगे तो सत्ता में कोई और भागीदार नहीं चाहिए । कांग्रेस के जो नेता हैं, हुड्डा, उन्हें लगा की वे ही जीतेंगे। मैं मानता हूं कि भाजपा ने जो चुनाव लड़ा है, वो बहुत ही बेहतरीन तरीके से लड़ा है। हारी हुई बाजी भाजपा ने जीत ली है, ये मानना पड़ेगा। देश में कोई ऐसा नहीं कह रहा था कि भाजपा आ रही है लेकिन भाजपा आ गई ।”

-शिवसेना के मुखपत्र सामना में लिखा गया- “पिछली दफा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में एक तरह का माहौल था कि भाजपा सत्ता में नहीं आएगी, लेकिन कांग्रेस की आंतरिक अव्यवस्था भाजपा के लिए मुफीद साबित हुई। सवाल खड़ा हो गया है कि क्या पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा ने हरियाणा में कांग्रेस की नैया डुबो दी है। हुड्डा की भूमिका इस तरह थी कि जैसे कांग्रेस के सूत्रधार वही हैं और जिसे वे चाहें वही कैंडिडेट होगा।”

-शिवसेना (यूबीटी ) की ही सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “इंडी गठबंधन ने जम्मू और कश्मीर ने अच्छा काम किया है और सरकार बनने वाली है लेकिन हरियाणा में कांग्रेस ने ही ये लड़ाई लड़ी है। वहां पर गठबंधन बन नहीं पाया था और उन्हें हार का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस में इतने लोग शामिल हो रहे थे, भाजपा पर सवाल उठाए जा रहे थे। सबने खारिज कर दिया था भाजपा को फिर भी वो जीतकर आई, ये उनके लिए बधाई का विषय है। “

-तृणमूल कांग्रेस के सांसद साकेत गोखले ने हांलाकि न हरियाणा का नाम लिया और न ही कांग्रेस का, लेकिन एक्स पर जो पोस्ट लिखी, वह एक सीख ही थी। उन्होंने लिखा- “इसी तरह का रवैया चुनाव हरवाता है। अगर हमें लगता है कि हम जीतने वाले हैं, तब हम किसी भी क्षेत्रीय पार्टी को महत्व नहीं देंगे। लेकिन जिन राज्यों में हम पिछड़ रहे हैं, वहां क्षेत्रीय पार्टियां हमें अपने साथ रखे। अहंकार, एकाधिकार और क्षेत्रीय पार्टियों को कम करके देखना घातक साबित हो रहा है, इससे सबक सीखना चाहिए।

Navratri Festival: नालासोपारा में दुर्गा पूजा का विरोध, अवैध मदरसे का समर्थन; हिंदू संगठन आक्रामक

-आम आदमी पार्टी (आआपा) नेता मनीष सिसोदिया ने कहा, “बीजेपी ने हरियाणा के लिए कुछ नहीं किया, इसके बावजूद कहीं न कहीं कांग्रेस की रणनीति में कमी थी, इसलिए जीत हासिल करने में नाकाम रही।’’

-आआपा के ही नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने एक्स पर लिखा “मैं हरियाणा चुनाव को भाजपा की जीत कम और कांग्रेस पार्टी की हार ज्यादा मानता हूं । मेरा यह मानना​ है कि अगर हम एकजुट होकर चुनाव लड़ते तो नतीजे अलग हो सकते थे ।”

-बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा, “आश्चर्यजनक नतीजे(हरियाणा में) आए हैं लेकिन लोकतंत्र में जनता मालिक है और जनता जिसको चुनती है, उसका हम स्वागत करते हैं । (जम्मू-कश्मीर में) एकतरफा परिणाम आया है।”

भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी के महासचिव डी.राजा ने भी कहा है कि हरियाणा के चुनाव परिणामों से कांग्रेस को सबक सीखना चाहिए और महाराष्ट्र के साथ ही झारखंड के विधानसभा चुनावों में गठबंधन को प्राथमिकता देनी चाहिए।

हरियाणा विधानसभा के नतीजे पर कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने कहा, “बहुत ज्यादा निराशा हुई है । सभी कार्यकर्ताओं ने जमीन पर मेहनत की है। पार्टी को इसको लेकर आत्मनिरीक्षण करना चाहिए।”

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.