One Nation One Election: एक राष्ट्र, एक चुनाव के खिलाफ केरल की कम्युनिस्ट सरकार, उठाया यह कदम

केरल के संसदीय मामलों के मंत्री एमबी राजेश ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की ओर से प्रस्ताव पेश किया।

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One Nation One Election: केरल विधानसभा (Kerala Assembly) ने 10 अक्टूबर (गुरुवार) को सर्वसम्मति से देश में एक साथ चुनाव कराने के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया। प्रस्ताव में सदन ने केंद्र सरकार (Central Government) से रामनाथ कोविंद पैनल (Ramnath Kovind Panel) द्वारा सुझाए गए ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ (One Nation, One Election) के प्रस्ताव को मंजूरी देने के अपने फैसले को वापस लेने का आग्रह किया। प्रस्ताव में जोर देकर कहा गया कि यह प्रस्ताव “अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक” (undemocratic and unconstitutional) है।

केरल के संसदीय मामलों के मंत्री एमबी राजेश ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की ओर से प्रस्ताव पेश किया। राजेश ने कहा कि यह प्रस्ताव देश की संघीय व्यवस्था को कमजोर करेगा और भारत के संसदीय लोकतंत्र की विविधतापूर्ण प्रकृति को नुकसान पहुंचाएगा।

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स्थानीय स्वशासन के कार्यकाल में भी कटौती
उन्होंने कहा कि इससे देश में विभिन्न राज्य विधानसभाओं और स्थानीय स्वशासन के कार्यकाल में भी कटौती होगी। राजेश ने आगे कहा कि यह निर्णय लोगों के जनादेश का उल्लंघन है, उनके लोकतांत्रिक अधिकारों को चुनौती है और चुनाव कराने के लिए राज्य की शक्ति का हनन है तथा देश की संघीय व्यवस्था को अपने हाथ में लेना है। उन्होंने तर्क दिया कि समिति लोकसभा, राज्य विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों को खर्च के रूप में देख रही है और ऐसा करना “अलोकतांत्रिक” है।

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यह कदम असंवैधानिक
उन्होंने कहा कि यह एक “निंदनीय कदम” है क्योंकि चुनाव लागत को कम करने और शासन को प्रभावी बनाने के अन्य सरल तरीके भी हैं। राजेश ने दावा किया, “यह कदम असंवैधानिक और संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है और साथ ही आरएसएस और भाजपा के एजेंडे को लागू करने का प्रयास है।” मंत्री ने प्रस्ताव में यूडीएफ विधायकों द्वारा सुझाए गए कुछ संशोधनों को भी स्वीकार किया और इसके बाद, प्रस्ताव को सदन द्वारा सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।

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