PM Modi in Laos: प्रधानमंत्री (Prime Minister) नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने एक्ट ईस्ट नीति (Act East Policy) के 10 वर्ष पूरे होने के अवसर पर लाओस (Laos) के वियनतियाने में 21वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन (21st ASEAN-India Summit) में भाग लिया और इस क्षेत्र में अपने साझेदारों के साथ संपर्क और लचीलेपन को मजबूत करने के लिए 10 सूत्री योजना की घोषणा की, जिसका उद्देश्य इस समूह के साथ भारत के संबंधों की भविष्य की दिशा निर्धारित करने के लिए भौतिक, डिजिटल, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संपर्क और लचीलेपन को बढ़ावा देना है।
उच्च स्तरीय शिखर सम्मेलन के दौरान मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत की एक्ट ईस्ट नीति ने नई दिल्ली और आसियान देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को ऊर्जा और गति दी है। उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक संघर्षों के सामने आज भारत-आसियान सहयोग की बहुत आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “हम शांतिप्रिय देश हैं, एक-दूसरे की राष्ट्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान करते हैं और हम अपने युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं। मेरा मानना है कि 21वीं सदी भारत और आसियान देशों की सदी है।”
The India-ASEAN Summit was a productive one. We discussed how to further strengthen the Comprehensive Strategic Partnership between India and ASEAN. We look forward to deepening trade ties, cultural linkages and cooperation in technology, connectivity and other such sectors. pic.twitter.com/qSzFnu1Myk
— Narendra Modi (@narendramodi) October 10, 2024
विकास साझेदारी में भारत
प्रधानमंत्री मोदी ने आसियान के साथ विकास साझेदारी में भारत के मानव-केंद्रित दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए बताया कि कैसे नालंदा विश्वविद्यालय में 300 आसियान छात्रों को छात्रवृत्ति से लाभ मिला है। उन्होंने कहा, “लाओ, कंबोडिया, वियतनाम, म्यांमार, इंडोनेशिया में साझा विरासत और धरोहर को संरक्षित करने के प्रयास किए गए हैं। चाहे कोविड महामारी हो या प्राकृतिक आपदा, हमने एक-दूसरे की मदद की है।”
Proposed ten suggestions which will further deepen India’s friendship with ASEAN. pic.twitter.com/atAOAq6vrq
— Narendra Modi (@narendramodi) October 10, 2024
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भारत-आसियान शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी की 10 सूत्री योजना क्या थी?
विदेश मंत्रालय के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने आसियान एकता, आसियान केंद्रीयता और इंडो-पैसिफिक पर आसियान दृष्टिकोण के लिए भारत के समर्थन को दोहराया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले 10 वर्षों में भारत-आसियान व्यापार दोगुना होकर 130 मिलियन डॉलर से अधिक हो गया है और आसियान आज भारत के सबसे बड़े व्यापार और निवेश भागीदारों में से एक है, जिसने सात आसियान देशों के साथ सीधी उड़ान कनेक्टिविटी स्थापित की है।
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10 सूत्री योजना की घोषणा
भारतीय प्रधानमंत्री ने “कनेक्टिविटी और लचीलापन बढ़ाने” के अध्यक्ष के विषय को ध्यान में रखते हुए 10 सूत्री योजना की घोषणा की
- वर्ष 2025 को आसियान-भारत पर्यटन वर्ष के रूप में मनाना, जिसके लिए भारत संयुक्त गतिविधियों के लिए 5 मिलियन डॉलर उपलब्ध कराएगा
- युवा शिखर सम्मेलन, स्टार्ट-अप महोत्सव, हैकाथॉन, संगीत महोत्सव, आसियान-भारत थिंक टैंक नेटवर्क और दिल्ली वार्ता सहित कई जन-केंद्रित गतिविधियों के माध्यम से एक्ट ईस्ट नीति के एक दशक का जश्न मनाना।
- आसियान-भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी विकास निधि के तहत आसियान-भारत महिला वैज्ञानिक सम्मेलन का आयोजन करना;
- नालंदा विश्वविद्यालय में छात्रवृत्तियों की संख्या दोगुनी करना तथा भारत में कृषि विश्वविद्यालयों में आसियान छात्रों के लिए नई छात्रवृत्तियों का प्रावधान करना
- 2025 तक आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौते की समीक्षा
आपदा तन्यकता को बढ़ाना जिसके लिए भारत 5 मिलियन डॉलर उपलब्ध कराएगा - स्वास्थ्य तन्यकता के निर्माण की दिशा में स्वास्थ्य मंत्रियों के नए ट्रैक की शुरुआत करना
- डिजिटल और साइबर तन्यकता को मजबूत करने की दिशा में आसियान-भारत साइबर नीति वार्ता का एक नियमित तंत्र शुरू करना
- ग्रीन हाइड्रोजन पर कार्यशाला
- जलवायु तन्यकता के निर्माण की दिशा में ‘माँ के लिए एक पेड़ लगाओ’ अभियान में शामिल होने के लिए आसियान नेताओं को आमंत्रित किया।
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