भगोड़े नीरव मोदी की भारत में कानूनी शिकंजे से बचने की अंतिम कोशिश!

भगोड़े नीरव मोदी ने ब्रिटेन के उच्च न्यायालय में अपील कर निचली अदालत द्वारा किए गए प्रत्यर्पण आदेश के फैसले और गृह विभाग द्वारा दी गई उसकी मंजूरी को चुनौती देने की अनुमति मांगी है।

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भगोड़े नीरव मोदी ने ब्रिटेन के उच्च न्यायालय में अपील कर निचली अदालत द्वारा किए गए प्रत्यर्पण आदेश के फैसले और गृह विभाग द्वारा दी गई उसकी मंजूरी को चुनौती देने की अनुमति मांगी है।

इससे पहले यूनाइटेड किंगडम के गृह मंत्री ने भगोड़े नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही उसे भारत लाए जाने का रास्ता साफ हो गया है। 14 हजार करोड़ रुपए के बैंक फ्रॉड मामले में उसे भारत लाया जाएगा।

कानूनी शिकंजे से बचने के लिए लंदन में शरण
बता दें कि वह भारत में कानूनी शिकंजे से बचने के लिए काफी दिनों से वह लंदन में रह रहा है, लेकिन अब यूनाइटेड किंगडम द्वारा उसके प्रत्यर्पण की मंजूरी दे देने के बाद उसकी मुश्किलें बढ़ गई हैं।

बुरे दिन शुरू
पीएनबी घोटले के मुख्य आरोपी और भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी के अच्छे दिन खत्म हो गए हैं। यूके के गृह मंत्री ने उसके भारत प्रत्यर्पण की मंजूरी दे दी है। इससे पहले 25 फरवरी को लंदन की अदालत ने उसकी याचिका को ठुकरा दिया था। कोर्ट ने उसके भारत प्रत्यर्पित किए जाने की मंजूरी दे दी थी। कोर्ट ने इस मौके पर यह भी कहा था कि भारत की न्यायपालिका निष्पक्ष है।

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जज ने कही थी ये बात
वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के जज सैमूअल गोजी ने कहा था कि यह साफ है कि नीरव मोदी को भारत में कई प्रश्नों के उत्तर देने हैं। जज ने यह भी कहा कि नीरव मोदी की ओर से दी गई दलील सबूतों के आधार पर सही नहीं है और इस इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि अगर नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित किया जाता है तो उनके सथ न्याय नहीं होगा। इसी के साथ कोर्ट ने मानसिक सेहत को लेकर लगाई गई याचिका को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने यह भी कहा था कि गवाहों को धमकाने की कोशिश की गई। कोर्ट ने भारत में जेलो की स्थिति को लेकर भी संतोष जताया था।

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14 हजार करोड़ रुपए का बैंक फ्रॉड केस
अब 14 हजार करोड़ रुपए के बैंक फ्रॉड केस में उसे भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है। बता दें कि कोर्ट ने उसे भारत भेजने को लेकर पिछले महीने सुनवाई के दौरान 25 फरवरी की तारीख तय की थी।

सीपीएस ने कोर्ट में बताया था-
जनवरी 2021 में सुनवाई के दौरान भारतीय जांच एजेंसियों का प्रतिनिधित्व करने वाले क्राउन प्रोसिक्यूशन सर्विस ने ब्रिटेन के कोर्ट को बताया था कि नीरव मोदी एक पोंजी जैसी योजना में शामिल था और वह मनी लॉन्ड्रिंग तथा धोखाधड़ी के लिए जिम्मेदार है। सीपीएस ने कोर्ट में बताया था कि नीरव मोदी ने बैंक अधिकारियों के साथ साजिश रचने के बाद अपनी तीन फर्मों (डायमंड्स आरयूएस, सोलर एक्सपोर्ट्स और स्टेलर डायमंड्स ) का इस्तेमाल कर बैंक को धोखा दिया। कोर्ट को यह भी बताया गया था कि नीरव मोदी ने गवाह को जान से मारने की धमकी दी।

मुबंई में हलचल तेज
नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को लेकर मुंबई में हलचल तेज हो गई है। बताया जा रहा है कि उसे यहां ऑर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा। इसके लिए यहां तैयारियां तेज कर दी गई हैं। उसे दो मंजिला ऑर्थर रोड जेल परिसर के अंदर बेहद सुरक्षित बैरक में रखा जाएगा।

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