दिल्ली (Delhi) की हवा (Air) में पराली (Stubble) का धुआं (Smoke) घुलने लगा है। इस सीजन में पहली बार है कि हवा में पराली के धुएं की हिस्सेदारी सामने आई है। उत्तर-पश्चिम (North-West) दिशा से चलने वाली हवाओं के कारण पराली का धुआं दिल्ली में आ रहा है। भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के अनुसार, उत्तर-भारत में पराली जलाने की घटनाएं सामने आने लगी है।
दिल्ली में यमुना में प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है। फीकल कॉलीफॉर्म का स्तर स्वीकार्य सीमा से 1959 गुना दर्ज किया गया है। इसका मुख्य कारण दिल्ली की कई अनाधिकृत कॉलोनियों का अनुपचारित सीवेज का पानी यमुना में जा रहा है।
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खुले में जलता कूड़ा
दिल्ली में कूड़ा जलाने के मामले बढ़ रहे है। डिसिजन सपोर्ट सिस्टम के आंकड़े को देखे तो वायु प्रदूषण में खुले में कूड़ा जलाने से 1.664 फीसदी हिस्सेदारी धूएँ की है। प्रदूषण के हॉटस्पॉट पर वायु गुणवत्ता सूचकांक कई दिनों से खराब से बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गया है।
पराली जलाने पर हो सकती है जेल
पुराली जलाने पर किसानों को न सिर्फ कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा बल्कि जेल भी जाना पड़ सकता है। सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग सीक्यूएम ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है।
मुंबई की हवा हुई और जहरीली
मुंबई में भी प्रदूषण ने असर दिखाना शुरू कर दिया है। अक्टूबर के आखिरी सप्ताह और नवंबर की शुरुआत से मुंबई में पर्यावरण प्रदूषण बढ़ जाता है। प्रदूषण को कम करने के लिए बीएमसी ने 2024-25 के बजट में बीएमसी में अलग से पर्यावरण विभाग बनाने की घोषणा की लेकिन अभी तक यह बनाया नहीं गया है। देश की वित्तीय राजधानी मुंबई में हो रहा कंस्ट्रक्शन शहर के प्रदूषण को बढ़ा रहा है। इसका असर लोगों के स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। काफी ज्यादा संख्या में लोगों के बीच से खांसी और वायरल इंफेक्शन की शिकायते आ रही है।
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