‘स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक’ (Swatantraveer Savarkar National Smarak) के कार्याध्यक्ष और वीर सावरकर (Veer Savarkar) के पोते रणजीत सावरकर (Ranjit Savarkar) ने शुक्रवार (11 अक्टूबर) को खोई हुई योद्धा भावना को पुनः प्राप्त करने के लिए प्रत्येक स्कूल, कॉलेज, खेल परिसर में एक राइफल क्लब (प्रशिक्षण केंद्र) शुरू करने की आवश्यकता पर बल दिया।
स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक दादर मुंबई में आयोजित ‘शिखर सावरकर पुरस्कार 2024’ (Shikhar Savarkar Award 2024) में रणजीत सावरकर ने कहा कि “बारह सौ वर्षों तक हम गुलाम थे। फिर हम वास्तव में हथियार भूल गए। गुलामी मजबूत हो गई। एक बार हथियार चला गया, तो क्षत्रिय चला गया”। उन्होंने आगे कहा कि वीर सावरकर पहले क्रांतिकारी (Revolutionary) थे जिन्होंने पहला गुप्त क्रांतिकारी संगठन बनाया और फिर क्षत्रिय का गठन हुआ।
हिंदुओं में क्षत्रिय भावना जागृत करना आवश्यक: रणजीत सावरकर
कार्यक्रम में आगे बोलते हुए रणजीत सावरकर ने कहा कि वीर सावरकर का मतलब है साहस। हम 75 साल पहले आजाद हुए थे। अब एक बार फिर गुलामी के बादल छा गए हैं। एक तरफ आतंकी हमले हैं, हिंसा है, मौतें हैं। रणजीत सावरकर ने कहा, अगर हमें इससे बाहर निकलना है तो हिंदुओं में क्षत्रिय भावना जगाना जरूरी है। जिन स्कूलों में आपके बच्चे पढ़ते हैं, उनसे आग्रह करें कि वे राइफल क्लब शुरू करें। उन्होंने उपस्थित लोगों से आग्रह किया, “स्कूलों, कॉलेजों, खेल क्लबों में जहां भी संभव हो, राइफल क्लब होने चाहिए।” रणजीत सावरकर ने समझाया कि जब समय आएगा तो राइफलें तो मिल जाएंगी, लेकिन अगर ट्रेनिंग नहीं होगी तो आप कुछ नहीं कर पाएंगे, इसलिए ट्रेनिंग जरूरी है।
शारीरिक क्षमता की अंतिम परीक्षा
रणजीत सावरकर ने वर्तमान विश्व स्थिति की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए राइफल प्रशिक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला, बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों और इजराइल पर हमले का जिक्र किया। पर्वतारोहण एक साहसिक खेल है जो आपकी मानसिक और शारीरिक क्षमताओं की चरम सीमा तक परीक्षा लेता है। उन्होंने कहा कि “इस खेल को पुनर्जीवित करने और राष्ट्रीयकरण करने के लिए सावरकर स्मारक द्वारा शिखर सावरकर अभियान शुरू किया गया और इसमें भारत के प्रमुख पर्वतारोहियों को शामिल किया गया।
पुरस्कार वितरण
स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक की ओर से पर्वतारोहण के लिए ‘शिखर सावरकर पुरस्कार 2024’ शुक्रवार, 11 अक्टूबर, 2024 को स्वातंत्र्यवीर सावरकर सभागार, दादर में आयोजित किया गया था। पुरस्कार वितरण रणजीत सावरकर द्वारा किया गया। कार्यक्रम में स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कोषाध्यक्ष मंजिरी मराठे, कार्यवाह राजेंद्र वराडकर, सह-कार्यवाह स्वप्नील सावरकर और स्मारक की सदस्य पद्मश्री के. सरस्वती मौजूद थीं।
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