Shikhar Savarkar Award 2024: पर्वतारोही इंद्रनील खुरंगले को मिला ‘युवा साहस पुरस्कार’, स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक ने किया सम्मानित

मैं 2004 से पर्वतारोहण कर रहा हूं। मेरे प्रशिक्षकों ने मुझ पर विश्वास किया और मुझे विभिन्न अभियानों में शामिल किया, जिससे मैं इतनी दूर तक यात्रा कर सका। इस पुरस्कार का पूरा श्रेय मेरे सभी सहयोगियों और प्रशिक्षकों को जाता है, ऐसा इंद्रनील खुरांगले ने इन शब्दों में व्यक्त किया।

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विजयादशमी (Vijayadashami) की पूर्व संध्या पर दादर स्थित ‘स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक’ (Swatantryaveer Savarkar National Memorial) पर भव्य समारोह का आयोजन किया गया। पर्वतारोहण (Mountaineering) जैसे साहसिक खेलों में विशिष्ट व्यक्तियों को सम्मानित करने के लिए शुक्रवार (11 अक्टूबर) को ‘शिखर सावरकर पुरस्कार 2024’ (Shikhar Savarkar Award 2024) वितरण समारोह आयोजित किया गया। इस समारोह में शास्त्रीय और कलात्मक तरीकों से गगनचुंबी इमारतों की दीवारों और बेलाग कोन पर चढ़ने वाले उभरते पर्वतारोही इंद्रनील खुरंगले (Indranil Khurangale) को ‘युवा साहस पुरस्कार’ (Youth Courage Award) दिया गया।

उनके साथ-साथ हिमालय पर्वतारोहण में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करने वाली पद्मश्री चंद्रप्रभा ऐतवाल को प्रतिष्ठित ‘शिखर सावरकर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया, जबकि रायगढ़ की एक संस्था सिस्केप, जो पर्वतारोहण और किले के संरक्षण के लिए काम करती है उसी समय पर्यावरण संरक्षण के लिए ‘उत्कृष्ट पर्वतारोहण संगठन’ के रूप में सम्मानित किया गया।

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मेरे सभी साथियों और कोच को श्रेय: इंद्रनील खुरंगले
मैं 2004 से पर्वतारोहण कर रहा हूं। मेरे प्रशिक्षकों ने मुझ पर विश्वास किया और मुझे विभिन्न अभियानों में शामिल किया, जिससे मैं इतनी दूर तक यात्रा कर सका। इस पुरस्कार का पूरा श्रेय मेरे सभी सहयोगियों और प्रशिक्षकों को जाता है, ऐसा इंद्रनील खुरांगले ने इन शब्दों में व्यक्त किया।

शिखर सावरकर पुरस्कार
‘लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ उन वरिष्ठ भारतीय दिग्गजों को दिया जाता है जिन्होंने राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विशेषकर हिमालयी क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियाँ हासिल की हैं। इससे पहले कर्नल (सेवानिवृत्त) प्रेमचंद, पद्मश्री सोनम वांग्याल, वरिष्ठ पर्वतारोही हरीश कपाड़िया को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा, कुल तीन पुरस्कार दिए जाते हैं, सह्याद्रि खंड में उत्कृष्ट साहसिक पर्वतारोहियों के लिए एक व्यक्तिगत पुरस्कार और अन्य पूरक कार्यों के साथ सह्याद्रि खंड में उत्कृष्ट साहसिक पर्वतारोहियों के लिए एक टीम यानी संस्थागत पुरस्कार।

पुरस्कार वितरण
पुरस्कार वितरण रणजीत सावरकर द्वारा किया गया। कार्यक्रम में स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कोषाध्यक्ष मंजिरी मराठे, कार्यवाह राजेंद्र वराडकर, सह-कार्यवाह स्वप्नील सावरकर और स्मारक की सदस्य पद्मश्री के. सरस्वती मौजूद थीं।

राष्ट्रगान और राज्य गीत से शुरू हुए समारोह में दिग्गज कारोबारी रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद कलांगन के विद्यार्थियों ने शौर्य गीत प्रस्तुत किया। सहायक पुलिस निरीक्षक प्रवीण फणसे और उनके बेटे वीर और शरवरी फणसे ने पोवाडा प्रस्तुत किया। स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्याध्यक्ष रणजीत सावरकर ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इसके बाद पुरस्कार समारोह का समापन किया गया। स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के अध्यक्ष एवं पूर्व पुलिस महानिदेशक प्रवीण दीक्षित द्वारा एक संदेश पढ़ा गया। समारोह का संचालन संचारक कुणाल रेगे ने किया।

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