Uttarakhand: श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि निश्चित, पढ़िये पूरी जानकारी

श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि 12 अक्टूबर को विजयादशमी के अवसर पर श्री बदरीनाथ धाम मंदिर परिसर में पंचाग गणना पश्चात समारोहपूर्वक तय की गयी।

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Uttarakhand: हिन्दुओं की आस्था के केन्द्र बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवम्बर को रात नौ बजकर सात मिनट पर मिथुन लग्न में शीतकाल के लिए बंद किये जाएंगे। वहीं पंच पूजा बुधवार 13 नवम्बर से शुरू होंगी।

श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि 12 अक्टूबर को विजयादशमी के अवसर पर श्री बदरीनाथ धाम मंदिर परिसर में पंचाग गणना पश्चात समारोहपूर्वक तय की गयी। कपाट बंद होने की तिथि तय करने के लिए दोपहर साढ़े ग्यारह बजे से कार्यक्रम शुरू हो गया था।

कपाट बंद होने की तिथि घोषित
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि घोषित होने के कार्यक्रम के अवसर पर रावल अमरनाथ नंबूदरी, श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) उपाध्यक्ष किशोर पंवार एवं सदस्यगण, मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी एवं बामणी, पांडुकेश्वर एवं माणा के हक-हकूकधारियों एवं तीर्थ पुरोहितों की उपस्थिति में धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविंद्र भट्ट ने पंचांग गणना के अनुसार कपाट बंद होने की तिथि तय की। इस मौके पर देव डोलियों के योग बदरी पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ प्रस्थान का कार्यक्रम भी तय हुआ। साथ ही यात्रा वर्ष 2025 के लिए भंडार व्यवस्था के लिए सम्मान स्वरूप पगड़ी भेंट की गयी। भंडारी तोक से कुंदन सिंह भंडारी, कमदी थोक से अनुपम पंवार, मेहता थोक से यशवंत मेहता एवं सोबित मेहता को पगड़ी भेंट की गयी।

कपाट बंद होने के पहले पंच पूजा
कपाट बंद होने से पहले होने वाली पंच पूजाओं के अंतर्गत सोमवार, 13 नवम्बर को पहले दिन गणेश की पूजा तथा शाम को गणेश के कपाट बंद होंगे। 14 को आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद होंगे, 15 को खड़क पुस्तक वाचन तथा वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो जायेगा, शनिवार 16 नवम्बर को माता लक्ष्मी जी को कढ़ाई भोग लगाया जायेगा, 17 नवम्बर को शाम सात बजे के बाद कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी। रावल स्त्री रूप धारण कर माता लक्ष्मी को परिसर स्थित मंदिर से श्री बदरीनाथ मंदिर के गर्भगृह में विराजमान करेंगे। इससे पहले श्री उद्धव‌ जी एवं कुबेर जी मंदिर गर्भगृह से बाहर परिसर में आयेंगे। इसी के साथ रात्रि नौ बजकर सात मिनट पर श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे। इसी दिन श्री कुबेर जी रात्रि प्रवास के लिए बामणी गांव प्रवास पहुंचेंगे तथा श्री उद्धव जी रावल निवास आ जायेंगे

बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि देव डोलियों के शीतकालीन पूजा स्थल प्रस्थान के तहत सोमवार 18 नवम्बर को श्री उद्धव जी, श्री कुबेर जी सहित रावल अमरनाथ नंबूदरी तथा आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी रात्रि प्रवास के लिए योग बदरी पांडुकेश्वर पहुंचेंगी। श्री उद्धव जी एवं श्री कुबेर जी शीतकाल में पांडुकेश्वर प्रवास करेंगे, जबकि आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी 19 नवम्बर मंगलवार को श्री नृसिंह मंदिर परिसर में विराजमान हो जायेगी। इस तरह इस वर्ष की श्री बदरीनाथ धाम यात्रा का भी समापन हो जायेगा।

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इस अवसर पर बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, सदस्य भास्कर डिमरी, मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी, ईओ नगर पंचायत सुनील पुरोहित आदि मौजूद थे।

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