भारत में टीके की किटकिट से अब इसलिए मिलेगी राहत!

भारत कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है। इसमें पिछले चौबीस घंटे में चार लाख से अधिक नए संक्रमित सामने आए हैं। इसमें देश भर में 3,523 मौत भी हुई हैं।

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भारत में रूस द्वारा निर्मित टीके की खेप पहुंच चुकी है। इससे देश में टीके की कमी से निपटने में राहत मिल सकती है। सेंट्र्ल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स ने इस संदर्भ में जानकारी दी है। एजेंसी के ट्वीट में बताया गया है कि हैदराबाद कस्टम्स ने कोविड 19 से बचाव के लिए बनाई गई स्पुतनिक वी की खेप को तेजी से क्लियरेन्स दे दी है।

इस विषय में वित्त मंत्री निर्नला सीतारमण ने भी ट्वीट करके जानकारी दै ही। उन्होंने लिखा है सही समय पर सही कार्य इस घड़ी की आवश्यकता है।

पिछले महीने ही भारत सरकार ने विदेशी टीके को कोरोना से लड़ाई में आपातकालीन उपयोग की अनुमति प्रदान की थी। भारत में इस वैक्सीन का निर्माण डॉ.रेड्डीज लैब समेत 6 कंपनियां कर रही हैं। इसके लिए उसे औषधि नियंत्रक से अनुमति प्राप्त हो गई है। मिली जानकारी के अनुसार पहली खेप में रूस ने 1.5 लाख टीके की डोज भेजी है। इसके बाद मध्य मई तक लगभग 30 लाख डोज आएंगी और जून में 50 लाख डोज मिलेंगी।

विश्व की पहली वैक्सीन
रूस द्वारा निर्मित स्पुतनिक वी विश्व की पहली कोरोना संक्रमण के नियंत्रण की वैक्सीन है। इसे गमालेया रिसर्च इंस्टिट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ने विकसित किया है। इस वैक्सीन को विश्व के 64 देशों ने अब तक अपने यहां उपयोग की अनुमति दे दी है।

भारत में होगा उत्पादन
देश की छह कंपनियां स्पुतनिक वी का उत्पादन करेंगी। जिसमें डॉ.रेड्डीज लैबोरेटरी के अनुसार जैसे ही स्पुतनिक वी का देश में उत्पादन शुरू हो जाएगा रूस से खेप आनी बंद हो जाएगी। इन छह इकाइयों में से दो इकाइयां जून-जुलाई से सप्लाई शुरू करेंगी जबकि दो इकाइयां अगस्त और अंतिम दे इकाइयां सितंबर-अक्टूबर तक सप्लाई शुरू करेंगी।

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