देश के लिए वर्ष २०२१ एक विशेष माहात्म्य लेकर आया है। इस वर्ष २ मई को स्वातंत्र्यवीर सावरकर और उनके बंधु गणेश (बाबाराव) सावरकर की कालापानी के कारावास से वापसी की शतक पूर्ति हो रही है। राष्ट्र को सर्वोपरि और उसे ही अपना आराध्य माननेवाले स्वातंत्र्यवीर सावरकर इसी दिन अंदमान के नारकीय बंदीगृह से कोलकाता के मार्ग से वापस लौटे थे।
कालापानी की सजा पर स्वातंत्र्यवीर सावरकर बंधुओं की विजय का यह शताब्दी वर्ष है। २ मई, १९२१ को भारतीय स्वातंत्र्य समर के प्रखर पुंज को पुन: नव ज्योति मिली थी। अंदमान से मुक्ति के बाद वीर सावरकर और उनके बंधु गणेश (बाबाराव) दामोदर सावरकर को देश के अलग-अलग बंदीगृहों में रखा गया। असहनीय यातनाएं दी गईं।
इसे मराठी में पढ़ें – वीर सावरकर कालापानी मुक्ति शताब्दी : २ ते १६ मे दरम्यान ऑनलाइन व्याख्यानमाला
बाबाराव सावरकर को पहले विजापूर कारागार और बाद में साबरमती कारागार में रखा गया। वहां उन्हें असहनीय यातनांए दी गईं, जिससे उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया। इससे भयभीत होकर अंग्रेज शासन ने बाबाराव को सितंबर १९२२ में कारागार से मुक्त किया। मुक्ति के तदुपरांत बाबाराव ने फिर राष्ट्र कार्य को अंगीकार कर लिया और अपनी अंतिम सांस तक उसका निर्वहन करते रहे।
इसी प्रकार वीर सावरकर बंदीगृह से मुक्ति के तदुपररांत रत्नागिरी में स्थानबद्धता में रहे। उन्हें राजनीतिक कार्यक्रमों में सम्मिलित होने की मनाही थी। लेकिन जहां मन में दृढ़ विश्वास और त्याग का अथाह सागर उमड़ रहा हो इसके समक्ष कौन टिक पाता है। वीर सावरकर नामक उस अथाह सागर में देश कार्यों की सूची बहुत बड़ी थी। उन्होंने सामाजिक सुधार, शिक्षा, व्यवसाय, जाति-पाति निर्मूलन का अतिकल्याणकारी कार्य अपना लिया।
स्वातंत्र्यवीर सावरकर और उनके बंधु बाबाराव सावरकर के कालापानी से मुक्ति के इस शताब्दी वर्ष में स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक मुंबई एक व्याख्यानमाला का आयोजन कर रहा है। यह अवसर यद्यपि देशहित, समाजोद्बोधन का था, जिसमें अंदमान कारागृह से कोलकाता होते हुए स्वातंत्र्यवीर सावरकर कालापानी मुक्ति शताब्दी यात्रा निकाली जाती, परंतु देश कोरोना के बड़े संकट का सामना कर रहा है। ऐसे अवसर पर स्वातंत्र्यवीर सावरकर की शिक्षा को अंगीकार कर दूर दृष्टि के माध्यम से जुड़ना राष्ट्रहित और समाजहित में अत्यंत आवश्यक है।
अत: स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक अपने दायित्वों के प्रति सचेत रहते हुए 2 मई से सायंकाल 7 से फेसबुक लाइव के माध्यम से व्याख्यानमाला की शुरुआत करने जा रहा है। इसकी सूची इस प्रकार से है।
2 मई, 2021 समय – सायं 7 बजे रणजीत सावरकर
उद्घाटन व ‘सावरकर और हिंदू संगठन’ विषय पर व्याख्यान
4 मई, 2021 समय – सायं 7 बजे एड.अंकुर शर्मा
‘अब हिंदू अस्तित्व की आरपार लड़ाई’
6 मई, 2021 समय – सायं 7 बजे कैप्टन सिकंदर रिजवी
‘वीर सावरकर का हिंदुत्व और निधर्मिता’
8 मई, 2021 समय – सायं 7 बजे उदय माहुरकर
‘हिंदुत्व पर समझौता नहीं’
10 मई, 2021 समय – सायं 7 बजे डॉ.नीरज श्याम देव
‘सामाजिक क्रांतिवीर सावरकर’
12 मई, 2021 समय – सायं 7 बजे कपिल कुमार
‘वीर सावरकर, राष्ट्रवाद और विश्व युद्ध’
14 मई, 2021 समय – सायं 7 बजे जी डी बक्सी
‘कोविड 19 एक खौफनाक खुलासा’
16 मई, 2021 समय – सायं 7 बजे पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ
‘सावरकर का महत्व’