Cabinet Committee on Security: भारत पूर्वी तट पर विकसित होगा नया मिसाइल परीक्षण रेंज , CCS ने मंजूरी दी

पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली CCS ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी जिसके अनुसार नई मिसाइल रेंज आंध्र प्रदेश के नागयालंका इलाके में बनेगी।

79

Cabinet Committee on Security: ऐसे समय में जब भारतीय रक्षा शोधकर्ता (Indian Defence Researchers) बड़ी संख्या में सामरिक मिसाइल सिस्टम विकसित (Strategic Missile System Developed) कर रहे हैं, सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (Cabinet Committee on Security) (CCS) ने आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में एक नया मिसाइल परीक्षण रेंज (Missile Test Range) स्थापित करने को मंजूरी दे दी है।

सरकारी सूत्रों ने ANI को बताया कि पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली CCS ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी जिसके अनुसार नई मिसाइल रेंज आंध्र प्रदेश के नागयालंका इलाके में बनेगी।

यह भी पढ़ें- Baba Siddique Murder: एनसीपी नेता की हत्या के राजनीतिकरण पर अजित पवार का बड़ा बयान, जानें क्या कह

दो परमाणु पनडुब्बियां शामिल
उन्होंने कहा कि नए मिसाइल परीक्षण रेंज का इस्तेमाल सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली, एंटी टैंक मिसाइल और अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित की जा रही विभिन्न अन्य परियोजनाओं जैसे सामरिक मिसाइल प्रणालियों के परीक्षण के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते अपनी बैठक में CCS ने सशस्त्र बलों के प्रमुख प्रस्तावों को मंजूरी दे दी, जिसमें अमेरिका से 31 प्रीडेटर ड्रोन और भारतीय नौसेना के लिए रणनीतिक पनडुब्बियों के विकास के लिए प्रोजेक्ट ATV द्वारा बनाई जाने वाली दो परमाणु पनडुब्बियां शामिल हैं।

यह भी पढ़ें- PM Modi at Bharat Mandapam: औचक दौरे पर भारत मंडपम पहुचें पीएम मोदी, जानें क्या है मामल

मानव पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल
अंतरिक्ष आधारित क्षमताओं के साथ-साथ बलों के लिए सड़कें बनाने के प्रस्तावों को भी आगे बढ़ाया गया। डीआरडीओ रक्षा बलों के लिए बहुत बड़ी संख्या में हथियार प्रणालियों को विकसित करने के उन्नत चरण में है, जिसमें बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली, मानव पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल, एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल, सतह से हवा में मार करने वाली त्वरित प्रतिक्रिया मिसाइल प्रणाली, वर्टिकल लॉन्च की गई छोटी दूरी की वायु रक्षा प्रणाली और सामरिक डोमेन में कई अन्य प्रणालियाँ शामिल हैं। डीआरडीओ उन परमाणु पनडुब्बियों के निर्माण में भी बड़ी भूमिका निभाएगा, जिन्हें सीसीएस द्वारा मंजूरी दी गई है।

यह वीडियो भी देखें-

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.