Digital Technology: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) ने 15 अक्टूबर को डिजिटल प्रौद्योगिकी(Digital Technology) के उपयोग और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के नैतिक उपयोग के लिए एक वैश्विक ढांचा तैयार करने की जोरदार(Emphasis on creating a global framework) वकालत की। उन्होंने कहा कि वैश्विक संस्थाओं(Global institutions) के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी के लिए वैश्विक ढांचे और वैश्विक शासन(Global framework and global governance) के लिए वैश्विक दिशा-निर्देशों के महत्व को स्वीकार करने का समय आ गया है। आपस में जुड़ी दुनिया में सुरक्षा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता(Security cannot be ignored)।
प्रधानमंत्री ने भारत मंडपम में अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ-विश्व दूरसंचार मानकीकरण सभा (डब्ल्यूटीएसए) 2024 का उद्घाटन किया। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान इंडिया मोबाइल कांग्रेस के 8वें संस्करण का भी उद्घाटन किया और इस अवसर पर प्रदर्शित प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
वैश्विक शासन के महत्व को स्वीकार करने का समय
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में डिजिटल प्रौद्योगिकी के लिए वैश्विक ढांचा स्थापित करने के महत्व को दोहराया। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस विषय को भारत ने अपने जी-20 प्रेसीडेंसी के दौरान उठाया था और वैश्विक संस्थाओं से वैश्विक शासन के लिए इसके महत्व को पहचानने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “वैश्विक संस्थाओं के लिए वैश्विक शासन के महत्व को स्वीकार करने का समय आ गया है।”
साइबर खतरों से निपटने में अंतरराष्ट्रीय सहयोग जरुरी
वैश्विक स्तर पर प्रौद्योगिकी के लिए ‘क्या करें और क्या न करें’ बनाने की आवश्यकता पर बल देते हुए, प्रधानमंत्री ने डिजिटल उपकरणों और अनुप्रयोगों की सीमाहीन प्रकृति पर प्रकाश डाला और साइबर खतरों से निपटने में अंतरराष्ट्रीय सहयोग और वैश्विक संस्थाओं द्वारा सामूहिक कार्रवाई का आग्रह किया। उन्होंने विमानन क्षेत्र के साथ समानताएं बताईं, जिसके पास पहले से ही अच्छी तरह से स्थापित ढांचे हैं।
राष्ट्रों की विविधता का सम्मान
प्रधानमंत्री मोदी ने डब्ल्यूटीएसए से एक सुरक्षित डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र और दूरसंचार के लिए सुरक्षित चैनल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “एक-दूसरे से जुड़ी दुनिया में सुरक्षा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। भारत का डेटा संरक्षण अधिनियम और राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति एक सुरक्षित डिजिटल वातावरण बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।” प्रधानमंत्री ने सभा के सदस्यों से ऐसे मानक बनाने का आग्रह किया जो समावेशी, सुरक्षित और भविष्य की चुनौतियों के अनुकूल हों, जिनमें नैतिक एआई और डेटा गोपनीयता मानक शामिल हों, जो राष्ट्रों की विविधता का सम्मान करते हों।
जिम्मेदार और टिकाऊ नवाचार का आह्वान
प्रधानमंत्री ने मौजूदा तकनीकी क्रांति में मानव-केंद्रित आयाम की आवश्यकता पर जोर दिया और जिम्मेदार और टिकाऊ नवाचार का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आज तय किए गए मानक भविष्य की दिशा तय करेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि सुरक्षा, सम्मान और समानता के सिद्धांत हमारी चर्चाओं के केंद्र में होने चाहिए। हमारा लक्ष्य यह होना चाहिए कि कोई भी देश, कोई भी क्षेत्र और कोई भी समुदाय इस डिजिटल परिवर्तन में पीछे न छूट जाए और उन्होंने समावेशन के साथ संतुलित नवाचार की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि भविष्य तकनीकी रूप से मजबूत होने के साथ-साथ नवाचार और समावेशन के साथ नैतिक रूप से भी मजबूत हो।