BJP: भारतीय जनता पार्टी ने अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए एक समिति का गठन किया है। 16 अक्टूबर को गठित इस कमेटी में डाॅ. के. लक्ष्मण (भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पार्टी सांसद) को राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया है, जबकि नरेश बंसल, रेखा वर्मा और संबित पात्रा को सह-चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया है। यह कमेटी पार्टी संगठन का चुनाव कराएगी। इसके बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चयन किया जाएगा और इस प्रक्रिया को पूरा होने में करीब दो महीने लगेंगे।
राज्यों की परिषद के सदस्य राज्यों के अध्यक्षों का चुनाव करेंगे। फिर राष्ट्रीय परिषद के लोग राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करेंगे।
नड्डा का कार्यकाल समाप्त
फिलहाल जेपी नड्डा भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उनका कार्यकाल ख़त्म हो चुका है, जिसे बाद में जून 2024 तक बढ़ा दिया गया था। बीजेपी के संसदीय बोर्ड ने उन्हें अगले अध्यक्ष की नियुक्ति तक पद पर बने रहने की अवधि बढ़ा दी है।
दिसबंर तक नये अध्यक्ष मिलने की संभावना
फिलहाल भाजपा नए मुखिया की तलाश में है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इस साल दिसंबर तक बीजेपी को अगला अध्यक्ष मिल सकता है। भाजपा सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के लिए चुनाव 1 दिसंबर से शुरू होंगे। ऐसे 50 प्रतिशत चुनावों के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की आधिकारिक प्रक्रिया शुरू की जाएगी। समिति पहले राज्यों में संगठनात्मक चुनाव कराएगी। जैसे पहले मंडल, जिला और फिर प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होगा।
इस तरह चलेगी प्रक्रिया
इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया शुरू होगी। क्रमशः बूथ, मंडल, जिला और प्रदेश स्तर के अध्यक्षों के चुनाव की तारीखों की घोषणा की जाएगी। उसके बाद जिला अध्यक्ष और क्षेत्रीय परिषद का चुनाव होगा। प्रदेश परिषद के बाद प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय परिषद सदस्यों के लिए चुनाव होंगे। राज्यों की परिषद के सदस्य राज्यों के अध्यक्षों का चुनाव करेंगे। फिर राष्ट्रीय परिषद के लोग राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करेंगे।राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव का कार्यक्रम घोषित होने के बाद नामांकन फॉर्म और मतदान की तारीख की घोषणा की जायेगी। अगर राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए एक ही नाम होगा तो चुनाव अधिकारी उसे पार्टी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर देंगे।
पहले कार्यकारी अध्यक्ष चुने जाने की संभावना
सूत्रों का कहना है कि जिसे भी कार्यवाहक अध्यक्ष का प्रभार मिलेगा, उसे भविष्य में पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाया जा सकता है। चूंकि पार्टी अध्यक्ष का कार्यकाल 3 साल का होता है, इसलिए नए अध्यक्ष अक्टूबर-नवंबर 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव, 2026 में पश्चिम बंगाल और 2027 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपनी नई टीम तैयार कर सकते हैं। वहीं, जब 2028 में नए अध्यक्ष को चुनने का समय आएगा, तो उनके पास 2029 के लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए लगभग डेढ़ साल का समय होगा।
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कार्यकारी अध्यक्ष चुनने का कारण
भाजपा के संविधान में एक व्यक्ति, एक पद की व्यवस्था है, इसलिए केंद्रीय मंत्री रहते हुए नड्डा पूर्णकालिक राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं हो सकते। पार्टी कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर इस तकनीकी पहलू को सुलझा सकती है। 2019 के बाद भी बीजेपी ने अमित शाह को अपना अध्यक्ष बनाए रखा, जबकि नड्डा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था।