Assembly elections: महाराष्ट्र में एक और सहयोगी दल छोड़ेगा भाजपा का साथ, हो सकता है बड़ा नुकसान

विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने के बाद महागठबंधन को पहला बड़ा झटका तब लगा, जब राष्ट्रीय समाज पार्टी के नेता महादेव जानकर ने महागठबंधन से बाहर आकर आजादी का नारा बुलंद किया है। इसके बाद एक और घटक दल ने महागठबंधन छोड़ दिया है।

48

Assembly elections: विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने के बाद महागठबंधन को पहला बड़ा झटका तब लगा, जब राष्ट्रीय समाज पार्टी के नेता महादेव जानकर ने महागठबंधन से बाहर आकर आजादी का नारा बुलंद किया है। इसके बाद एक और घटक दल ने महागठबंधन छोड़ दिया है। राज्य में पांच सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर शिवसंग्राम की ज्योति विनायक मेटे ने पार्टी की स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा है कि हमारे लिए सभी विकल्प खुले हैं और शिव संग्राम पार्टी ने भी चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।

मराठवाड़ा में मजबूत स्थिति
दिवंगत नेता विनायक मेटे की शिव संग्राम पार्टी मराठवाड़ा में मजबूत स्थिति में है। इस बीच जब मराठा आरक्षण का मुद्दा गरमाया हुआ है तो विनायक मेटे के शिष्य माने जाने वाले मनोज जारांगे ने विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारकर महायुति को चुनौती देने का मन बना लिया है। महायुति से उचित प्रतिक्रिया नहीं मिलने के कारण शिव संग्राम पार्टी की ज्योति मेटे मराठवाड़ा के बीड जिले में स्वतंत्र रूप से पांच उम्मीदवारों को मैदान में उतारने की योजना बना रही हैं, जहां उनका दबदबा है।

Maharashtra: शरद पवार ने मुख्यमंत्री रहते हुए की थी दाऊद से मुलाकात? प्रकाश अंबेडकर ने किया ये दावा

शिव संग्राम के पीछे जरांगे
शिवसंग्राम के माध्यम से बीड जिले के बाहर मराठवाड़ा के अन्य जिलों में मराठा उम्मीदवारों को मैदान में उतारकर अपनी स्वतंत्र स्थिति पेश करने का प्रयास किया जा रहा है। शिव संग्राम पार्टी घटक दलों को साथ लेकर चलने और उम्मीदवार को कोई महत्व नहीं देने की भूमिका से संतुष्ट नहीं है। आने वाला समय तय करेगा कि इसका असर महायुति पर पड़ेगा या महाविकास अघाड़ी पर।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.