PFI: फीएफआई को लेकर ईडी का सनसनीखेज खुलासा, मनी लॉन्ड्रिंग से जिहाद तक! जानें, कितना खतरनाक है मंसूबा

अपनी चार साल की जांच के बाद परिवर्तन निदेशालय ने कहा है कि पीएफआई के देश और विदेशों में 13 हजार सदस्य है।

149
File Photo

PFI: पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (Popular Front of India) को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने बड़ा खुलासा किया है।

अपनी चार साल की जांच के बाद परिवर्तन निदेशालय ने कहा है कि पीएफआई के देश और विदेशों में 13 हजार सदस्य है। देश के कई हिस्सों में मसलन कर्नाटक, तमिलनाडु ,केरल, तेलंगाना,राजस्थान ,महाराष्ट्र ,बिहार, पश्चिम बंगाल ,असम, जम्मू-कश्मीर , दिल्ली, मणिपुर में सैकड़ो सूचीबद्ध सदस्य और कार्यालय हैं।

यह भी पढ़ें- Cyclone Dona: बंगाल की खाड़ी में चक्रवात ‘डोना’, कई राज्यों में भारी बारिश की आशंका!

विदेश हवाला के जरिए आ राग है चंदा 
प्रवर्तन निदेशालय के डोजियर में कहां गया है कि पीएफआई खाड़ी के देश जैसे ओमान, कतर, कुवैत, सऊदी अरब और यूएई में सक्रिय रूप से कम कर रही है। इन्हीं देशों से पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया को अज्ञात डोनरों द्वारा चंदा मिलता है। ईडी ने यह भी खुलासा किया है कि खाड़ी के देशों में रहने वाले प्रवासी मुस्लिमों के लिए जिला समितियों का भी गठन किया गया है। जांच में पता चला है कि सिंगापुर और पांच खाड़ी देशों से अज्ञात डोनरों से नकद धन जुटाया जाता है और हवाले के माध्यम से भारत भेजा जाता है इसके बाद ट्रस्टों और संबद्ध संस्थाओं के 19 बैंक खातों में वह पैसा जमा करने का खेल‌ शुरू होता है।

यह भी पढ़ें- Jammu and Kashmir: आतंकी हमले की जांच के लिए गांदरबल पहुंची NIA टीम, अब तक 7 की मौत

जिहाद के जरिए इस्लामी आंदोलन का मक़सद
प्रवर्तन निदेशालय की डोजियर में यह भी कहा गया है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया का असली उद्देश्य जिहाद के जरिए भारत में इस्लामी आंदोलन के मकसद को पूरा करना है। वर्ष 2020 से गिरफ्तार किए गए इसके प्रमुख पदाधिकारी मेंसे एक रऊफ शेरीफ सीएफआई के राष्ट्रीय महासचिव, कतर में स्थित फीएफआई सदस्य शफीक पायेथ और दिल्ली फीएफआई अध्यक्ष परवेज अहमद शामिल है। भारत सरकार की अलग-अलग एजेंसियों ने पिछले कुछ वर्षों में फीएफआई के 26 शीर्ष पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया है।

यह भी पढ़ें- New Polulation Policy: दो से अधिक बच्चे वाले परिवारों को मिलेगा लाभ, जानिए ऐसा क्यों कहा- सीएम चंद्रबाबू नायडू

वर्ष 2022 में पीएफआई पर लगा प्रतिबंध
प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया को जुलाई 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या के असफल प्रयास के बाद गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया था। द पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया भारत में एक चरमपंथी इस्लामी संगठन है। वर्ष 2006 में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट के उत्तराधिकारी के रूप में गठित किया गया था जो बाद में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट मनीथा नीथी पासराय, कर्नाटक के साथ विलय हो गया। राष्ट्रीय महिला मोर्चा और केंपस फ्रंट ऑफ़ इंडिया सहित समाज के विभिन्न वर्गों को पूरा करने के लिए इस संगठन के पास विभिन्न विंग है। लेकिन इसकी गतिविधियां चोरी छिपे खाड़ी के देश और भारत के कई हिस्सों में चल रही है।

यह भी पढ़ें- Bhadohi News: भदोही में नेशनल इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल की गोली मारकर हत्या, बाइक सवार बदमाशों ने मारी 10 गोलियां

शारीरिक शिक्षा की आड़ में सिखाते हैं हथियार चलाना
परिवर्तन निदेशालय ने यह भी कहा है कि केरल के कन्नूर जिले के नारथ में एक हथियार प्रशिक्षण शिविर भी जांच के दौरान मिला है। और वहां पर पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया शारीरिक शिक्षा की आड़ में विस्फोट को और हथियारों के इस्तेमाल का प्रशिक्षण दे रहा था।

यह वीडियो भी देखें-

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.