Chandrashekhar Azad: रविवार, 20 अक्टूबर को दिल्ली (Delhi) के जंतर-मंतर (Jantar Mantar) पर आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) Azad Samaj Party (Kanshi Ram) के सांसद चंद्रशेखर आज़ाद (Chandrashekhar Azad) (भीम आर्मी चीफ) (Bhim Army Chief) की रैली के दौरान हंगामा हुआ। आज़ाद ने कहा कि सच्चाई का पक्ष लेने पर हमें इस तरह की स्थितियों का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने कहा, “अगर हम सच्चाई की आवाज़ उठाते हैं तो हमें इस तरह के विरोध का सामना करना पड़ेगा। कड़वा सच यह है कि समाज के कमज़ोर तबके के साथ भेदभाव हो रहा है।”
#WATCH : दिल्ली में #Jantarmantar पर एक कार्यक्रम में पहुंचे दलित नेता को मुसलमानों ने भगाया I ‘चंद्रशेखर वापस जाओ’ के लगे नारे।
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वक्फ संशोधन अधिनियम
चंद्रशेखर आज़ाद ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार हिंसा को नियंत्रित करने में विफल रही है और जनता अब यह समझ चुकी है। आज़ाद ने कहा कि आज का विरोध किसी भी तरह के उत्पीड़न के खिलाफ और वक्फ (बोर्ड बिल) के मुद्दे पर था। आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने वक्फ संशोधन अधिनियम में हाल ही में किए गए संशोधनों की आलोचना करते हुए धार्मिक भावनाओं और देवी-देवताओं के प्रति अनादर के उदाहरण दिए।
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वक्फ बोर्ड बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
हिमाचल प्रदेश और बहराइच का उदाहरण देते हुए आजाद ने सरकार की “एकतरफा” कार्रवाई पर निशाना साधा। आजाद समाज पार्टी (एएसपी) की दिल्ली टीम ने रविवार को वक्फ बोर्ड बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। एएसपी प्रमुख ने एएनआई से कहा, “आज का विरोध प्रदर्शन दिल्ली की टीम ने किया था। वक्फ संशोधन अधिनियम में जो संशोधन किए जा रहे हैं और जिस तरह से धार्मिक भावनाओं, धर्म के देवी-देवताओं के खिलाफ टिप्पणियां की जा रही हैं, देश को अस्थिर करने का काम किया जा रहा है, माहौल खराब किया जा रहा है, जिस तरह से एक तरफ कार्रवाई की जा रही है चाहे वह हिमाचल हो या बहराइच, लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। लोगों के घर जलाए जा रहे हैं, उनके मुआवजे का क्या होगा? मैं भी वहां जाना चाहता हूं, पार्टी इसके लिए भी तैयारी कर रही है।” उन्होंने कहा, “आज दिल्ली की टीम ने इन सभी बातों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। और जब हम अपनी लड़ाई लड़ने जाते हैं तो विरोधी हमें कमजोर करने की कोशिश करते हैं…हम ऐसी साजिशों और षड्यंत्रों से डरने वाले नहीं हैं।”
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संयुक्त संसदीय समिति की बैठक
पिछले सप्ताह संसद भवन में वक्फ विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति की बैठक में सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों और विपक्षी सांसदों के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जिसके बाद तीखी बहस हुई और विपक्षी सांसदों ने बैठक से वॉकआउट कर दिया। हालांकि, बाद में विपक्षी सांसदों ने भाजपा सांसद पर अभद्र भाषा के इस्तेमाल और पक्षपातपूर्ण व्यवहार का आरोप लगाया और फिर से बैठक में भाग लिया। विपक्षी सांसदों ने यह भी आरोप लगाया कि समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल कई मुद्दों पर पक्षपाती हैं और भाजपा/एनडीए सांसदों को निर्देश नहीं दे रहे हैं।
बैठक से वॉकआउट
वॉकआउट करने वाले विपक्षी सांसदों में असदुद्दीन ओवैसी, नासिर हुसैन, कल्याण बनर्जी, अरविंद सावंत, संजय सिंह, गौरव गोगोई, इमरान मसूद, ए राजा, मोहिबुल्लाह नदवी और मोहम्मद जावेद शामिल थे। वक्फ अधिनियम, 1995, वक्फ संपत्तियों को विनियमित करने के लिए बनाया गया था, लेकिन इस पर लंबे समय से कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण के आरोप लगे हैं। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024, व्यापक सुधार लाने, डिजिटलीकरण, सख्त ऑडिट, पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्ज़े वाली संपत्तियों को वापस लेने के लिए कानूनी तंत्र लाने का प्रयास करता है। समिति को अगले संसद सत्र के पहले सप्ताह के अंतिम दिन तक लोकसभा को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है।
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