Maharashtra:महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस और ठाकरे गुट के बीच विवाद के चलते सीटों के बंटवारे पर चर्चा लगभग रुकी हुई थी। पिछले तीन दिनों से कांग्रेस और ठाकरे गुट लगातार एक-दूसरे पर विदर्भव में सीटों को लेकर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे थे। इसलिए सीट बंटवारे पर चर्चा आगे नहीं बढ़ सकी। इस बीच सीट बंटवारे में कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने बड़ा फैसला लिया है और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले को किनारे कर दिया है। समन्वय की जिम्मेदारी वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोरात को दी गई है, इसलिए शरद पवार की मध्यस्थता के बाद दिल्ली में बैठे कांग्रेस नेताओं में से एक बालासाहेब थोरात मातोश्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात करेंगे।
निर्णय होने तक प्रत्याशी की घोषणा नहीं
बालासाहेब थोरात को शरद पवार और उद्धव ठाकरे से बातचीत की जिम्मेदारी दी गई है, इसलिए जानकारी सामने आ रही है कि जब तक सीटों के बंटवारे पर फैसला नहीं हो जाता, तब तक कांग्रेस की ओर से सूची जारी नहीं की जाएगी।
शरद पवार करेंगे मध्यस्थता
बालासाहेब थोरात को समन्वय की जिम्मेदारी देने के बाद सभी नेताओं की नजर इस पर है कि क्या महाविकास अघाड़ी में सीटों के बंटवारे को लेकर जारी घमासान सुलझेगा। शरद पवार कांग्रेस-शिवसेना बाला साहेब ठाकरे के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाएंगे।
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विदर्भ की 14 सीटों पर विवाद
महाविकास अघाड़ी में विदर्भ, खासकर पूर्वी विदर्भ की 14 सीटों को लेकर शिव सेना, उद्धव ठाकरे और कांग्रेस के बीच रस्साकशी चल रही है। पूर्वी विदर्भ में नाना पटोले के समर्थक बहुत ज्यादा हैं, इसीलिए नाना पटोले ने पूर्वी विदर्भ की इन सीटों पर ज्यादा जोर लगाया। अब जब कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने समन्वय की मुख्य जिम्मेदारी बालासाहेब थोरात को दे दी है, तो क्या यह जल्द ही सुलझ जाएगा? इस पर सभी का ध्यान है।