Ganderbal terror attack: गांदरबल जिले के गगनगीर में हुए घातक आतंकी हमले की जांच के तहत जांचकर्ताओं ने पूछताछ के लिए 40 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया है। इस हमले में सात लोग मारे गए थे।
पुलिस अधिकारियों का मानना है कि हमलावरों ने हमले की योजना बहुत ही सावधानी से बनाई थी और वे आतंकवादी सहयोगी नेटवर्क के समर्थन के कारण अपने मंसूबों को अंजाम देने में सफल रहे।
जल्द होगी गिरफ्तारी
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि हम आतंकवादियों को जल्द ही पकड़ लेंगे। हमने पूछताछ के लिए कई संदिग्धों को उठाया है लेकिन अभी तक किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि सुरंग निर्माण स्थल पर हुए भीषण आतंकी हमले के एक दिन बाद सुरक्षाबलों ने पर्यटन स्थल सोनमर्ग से सटे इलाके में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया है।
एनआईए ने ली तलाशी
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के एजेंटों ने महत्वपूर्ण साक्ष्यों के लिए घटनास्थल की तलाशी ली है जबकि सेना, सीआरपीएफ और पुलिस की टुकड़ियां निर्माण क्षेत्र के आसपास की पहाड़ियों में फैली हुई हैं ताकि कश्मीर घाटी में गैर-स्थानीय मजदूरों पर हुए सबसे घातक हमलों में से एक में शामिल अपराधियों और उनके साथियों का पता लगाया जा सके।
हमलावर पाकिस्तानी आतंकवादी
माना जा रहा है कि हमलावर पाकिस्तानी आतंकवादी थे, जिन्होंने अपनी योजना को अंजाम देने से पहले उस स्थान का बड़ी ही बारीकी से अध्यन किया था। अधिकारियों को संदेह है कि हमलावरों को हमले वाले स्थान के बारे में पहले से जानकारी थी, संभवतः वे पहले वहां काम कर चुके थे या उन्हें उस स्थान पर मौजूद स्थानीय लोगों से समर्थन मिला था। अधिकारियों ने कहा कि इलाके के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है।
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लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा संगठन
प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े एक छद्म संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट ने इस बर्बर कृत्य की जिम्मेदारी ली है। तीन दशकों से आतंकवाद से त्रस्त इस क्षेत्र में पहले कभी ऐसी हिंसक घटना नहीं हुई थी। यह हमला उस समय हुआ जब कर्मचारी सुरंग परियोजना पर काम करने के बाद देर शाम अपने शिविर में लौटे थे। मृतकों में डॉ. शाहनवाज डार, फहीम नासिर, कलीम, मोहम्मद हनीफ, शशि अबरोल, अनिल शुक्ला और गुरमीत सिंह शामिल हैं।