Assembly elections: कांग्रेस कार्यकर्ताओं को नहीं भाया 85-85-85 का फॉर्मूला, चुनाव पर पड़ सकता है असर

कांग्रेस ने शुरुआत में 125 सीटों की मांग की थी। इस पर भी चर्चा हुई, लेकिन जैसे-जैसे चर्चा आगे बढ़ी, कांग्रेस का मूल्य कम होता गया। कांग्रेस की सीटें 125 से घटकर 110 और अंततः 85 हो गईं।

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Assembly elections: महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस, शिवसेना उबाठा और राष्ट्रवादी कांग्रेस शदर पवार गुट ने 85-85-85 का फॉर्मूला स्वीकार किया। नाना पटोले ने 85-85-85 फॉर्मूले को खारिज कर दिया था, लेकिन जब से बालासाहेब थोरात ने इसे स्वीकार किया है, पार्टी के भीतर विरोध बढ़ गया है।

राज्य की सबसे बड़ी पार्टी
पटोले और थोरात के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं में असंतोष बढ़ रहा है। कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं में यह भावना व्यक्त की जा रही है कि उन्होंने कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टी को एनसीपी और शिवसेना उबाठा जैसे क्षेत्रीय दलों की कतार में ला खड़ा कर दिया है। कांग्रेस की तुलना उबाठा और एनसीपी से नहीं की जा सकती, क्योंकि फिलहाल कांग्रेस राज्य की सबसे बड़ी पार्टी है लेकिन उसकी तुलना क्षेत्रीय पार्टियों की जा रही है। इस कारण उनमें नाराजगी है।

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125 से 85
कांग्रेस ने शुरुआत में 125 सीटों की मांग की थी। इस पर भी चर्चा हुई, लेकिन जैसे-जैसे चर्चा आगे बढ़ी, कांग्रेस का मूल्य कम होता गया। कांग्रेस की सीटें 125 से घटकर 110 और अंततः 85 हो गईं, जिसे थोरात-पटोले ने मंजूरी दे दी। इससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नाराजगी है।

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