Uttar Pradesh: प्रयागराज महाकुंभ सुरक्षा, सुविधा और सुशासन का वैश्विक मानक बनेगा: मुख्यमंत्री योगी

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि महाकुंभ में हर श्रद्धालु को अविरल-निर्मल गंगा में स्नान सुलभ हो, इसके लिए राज्य सरकार संकल्पित हैं। नदी में जीरो डिस्चार्ज सुनिश्चित किया जा रहा है।

144

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) और केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) ने मंगलवार को लखनऊ (Lucknow) में प्रयागराज महाकुंभ (Prayagraj Maha Kumbh), अयोध्याधाम विकास तथा नैमिषारण्य धाम में पर्यटन विकास (Tourism Development) के संबंध में जारी और प्रस्तावित परियोजनाओं (Projects) की समीक्षा की। प्रदेश के मुख्य सचिव के साथ-साथ विभिन्न विभागीय अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव गण ने अपने-अपने विभाग से संबंधित परियोजनाओं की प्रगति रिपोर्ट से अवगत कराया और मार्गदर्शन प्राप्त किया। विशेष बैठक में, प्रदेश सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री के अतिरिक्त, भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति रही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 12 वर्षों के अंतराल के उपरांत इस वर्ष आयोजित होने जा रहा प्रयागराज महाकुंभ अब तक के सभी कुंभ पर्वों के सापेक्ष कहीं अधिक दिव्य और भव्य होगा। मानवता की यह अमूर्त सांस्कृतिक विरासत पूरी दुनिया को सनातन भारतीय संस्कृति की गौरवशाली परंपरा, विविधतापूर्ण सामाजिक परिवेश और लोक आस्था का साक्षात्कार कराएगी।

यह भी पढ़ें – India vs New Zealand: तीसरे टेस्ट के लिए हर्षित का भारतीय टीम में चयन, जानिये कैसा रहा है अब तक का करियर

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2019 कुंभ में कुल 5,721 संस्थाओं का सहयोग लिया गया था, जबकि महाकुंभ में लगभग 10 हजार संस्थाएं एक उद्देश्य के साथ कार्य कर रही हैं। 4000 हेक्टेयर में विस्तीर्ण 25 सेक्टरों में बंटे महाकुंभ मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सभी आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं। 12 किमी लंबाई के घाट, 1850 हेक्टेयर में पार्किंग, 450 किमी चकर्ड प्लेट, 30 पांटून पुल, 67 हजार स्ट्रीट लाइट, 1,50,000 शौचालय, 1,50,000 टेंट के साथ ही 25 हजार से अधिक पब्लिक एकोमडेशन की व्यवस्था की जा रही है। पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघ पूर्णिमा और महाशिवरात्रि के विशेष स्नान पर्व पर सुरक्षा और सुविधा के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की गई है।

मुख्यमंत्री ने हनुमान मंदिर कॉरिडोर, अक्षयवट पातालपुरी, सरस्वती कूप, भारद्वाज आश्रम, द्वादश माधव मंदिर, शिवालय पार्क, दशाश्वमेध मंदिर, नागवासुकी मंदिर जैसे पवित्र स्थलों में पर्यटन विकास से संबंधित जारी कार्यों से केंद्रीय मंत्री को अवगत कराते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि यह सभी कार्य प्रत्येक दशा में 30 नवंबर तक पूरे कर लिए जाएं।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि महाकुंभ में हर श्रद्धालु को अविरल-निर्मल गंगा में स्नान सुलभ हो, इसके लिए राज्य सरकार संकल्पित हैं। नदी में जीरो डिस्चार्ज सुनिश्चित किया जा रहा है।

प्रयागराज महाकुंभ की कार्ययोजना का अवलोकन करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में तैयार प्रयागराज महाकुंभ आयोजन की कार्ययोजना समग्रता को लिए हुए है। इसमें वह सभी अवयव हैं जो किसी वैश्विक आयोजन के भव्यता और सफलता के लिए आवश्यक हैं। नगर विकास, सिंचाई, एनएचएआई, पर्यटन, संस्कृति सहित सभी संबंधित विभागों की परियोजनाओं की बारी-बारी से प्रगति की समीक्षा करते हुए उन्होंने विश्वास जताया कि सभी कार्य समय से पूरे हो जाएंगे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महाकुंभ जैसे वृहद आयोजन में चार बिंदु (सूचना, स्वच्छता, संचार और सुरक्षा) सबसे महत्वपूर्ण हैं, जिन पर होलिस्टिक अप्रोच के साथ कार्य किया जाना चाहिए। हर किसी को सही सूचना मिलना, पूरे क्षेत्र में बेहतर सैनिटेशन व्यवस्था होना, मजबूत संचार तंत्र का होना और सबकी सुरक्षा के लिए प्रबंध होना, महाकुंभ को सफल आयोजन बनाने के मुख्य कारक बनेंगे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महाकुंभ- 2025 उत्तर प्रदेश के पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का बड़ा अवसर है। महाकुंभ में विदेशी पर्यटकों की सुविधा के लिए एप तैयार कराएं। साइनेज पर बारकोड भी लगाएं, जिसे स्कैन करके पर्यटक संबंधित स्थल की जानकारी तो पाए ही, मेला क्षेत्र में विविध लोकेशन की जानकारी भी पा सकें। उन्होंने कहा कि पुलिस हेल्पलाइन के लिए महाकुंभ एप में वन टच हेल्प की व्यवस्था सुविधाजनक हो। देश के सभी एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन एवं प्रमुख स्थलों पर महाकुंभ के एप का क्यूआर कोड को प्रदर्शित करें।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महाकुंभ में आने वाले लोग प्रयागराज के अतिरिक्त अन्य पर्यटन स्थलों की ओर भी जाना चाहेंगे और उत्तर प्रदेश में तो इसके दृष्टिगत अपार संभावनाएं हैं। ऐसे में पर्यटन विभाग द्वारा टूअर प्लान तैयार किया जाए। हमारा प्रयास हो कि प्रदेश में पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण किंतु अल्पज्ञात स्थलों का चिन्हांकन करते हुए इस ओर पर्यटकों को आकर्षित करने का भी प्रयास किया जाए।

केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने भारत सरकार के स्वदेश दर्शन योजना में उत्तर प्रदेश के नए पर्यटन स्थलों को जोड़ने की आवश्यकता बताई और कहा कि इस संबंध में प्रस्ताव यथाशीघ्र भेज दिया जाए।

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा महाकुंभ में पूरे भारत की संस्कृति का दर्शन हो, इसके लिए केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय तैयारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि बेहतर आयोजन के लिए यह उचित होगा कि मेला क्षेत्र में होने वाले विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय और पर्यटन विभाग उत्तर प्रदेश, दोनों के परस्पर समन्वय से आयोजित हों। इस संबंध में उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग और भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के बीच बेहतर समन्वय के लिए एक समिति का गठन किया जाना चाहिए। उन्होंने महाकुंभ में होने वाले हर सांस्कृतिक आयोजन के व्यापक प्रचार प्रसार के भी निर्देश दिए, साथ ही यह भी कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रम स्थल मेला क्षेत्र में ऐसी जगह हो जहां अधिकाधिक श्रद्धालु और पर्यटक आसानी से पहुंच सकें।

नैमिषारण्य पर्यटन विकास की परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 88 हजार ऋषियों की पावन तपःस्थली नैमिषारण्य के समग्र विकास के उद्देश्य से राज्य सरकार ने हाल ही में श्री नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद का गठन किया है। यह वह स्थली है जहां हमारे ऋषियों ने सनातन ज्ञान को लिपिबद्ध करने का अनुपम कार्य किया था। राज्य सरकार यहां धार्मिक पर्यटन विकास की सभी संभावनाओं को प्रोत्साहित कर रही है। स्वदेश दर्शन-2 योजना के तहत इस पवित्र स्थल को सम्मिलित किया गया है। नैमिषधाम के पुनरुद्धार के बाद यहां देश-दुनिया से पर्यटकों/श्रद्धालुओं का आगमन तेजी से बढ़ेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सनातन आस्था को सम्मान और वैदिक ज्ञान को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से जनपद सीतापुर स्थित पावन नैमिषारण्य धाम में यथाशीघ्र वेद विज्ञान केंद्र की स्थापना की जाएगी। इस संबंध में बजटीय प्रावधान भी किया गया है। वेद विज्ञान अध्ययन केन्द्र की स्थापना से वेदों एवं पुराणों में संरक्षित ज्ञान को आम जन के बीच ले जाने हेतु अध्ययन कार्य किया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नीमसार स्थित पर्यटक आवास गृह को पीपीपी मोड पर चलाने की योजना पर काम हो रहा है। इससे पर्यटकों को भी सुविधा होगी और राजस्व संग्रह भी हो सकेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नैमिषारण्य-मिश्रिख में चक्रतीर्थ के प्रमुख प्रवेश द्वारों व अन्य द्वारों को कॉरीडोर के रूप में विकसित किया जा रहा है। माँ ललिता देवी कॉम्प्लेक्स का निर्माण हो रहा है। एंट्रेंस पवेलियन, विजिटर फैसिलिटी सेंटर, आरती के लिए वेदियों का निर्माण, मिश्रिख में महादेव मंदिर और आश्रम परिसर में श्रद्धालु सुविधा विकास के कार्यों सहित तय परियोजना के सभी कार्य पर्यटन विभाग द्वारा किया जा रहा है। इसी तरह, सीताकुंड का जीर्णोद्धार, यात्री भवन, पर्यटक आवास आदि निर्माण कार्य भी हो रहे हैं। पर्यटकों और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यहां हेलीपोर्ट का भी निर्माण कराया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री जी ने निर्माण कार्यों को तय अवधि में पूरा किए जाने के निर्देश दिए।

केंद्रीय मंत्री ने अयोध्याधाम विकास के लिए तैयार विजन डॉक्यूमेंट 2047 की प्रगति की समीक्षा भी की। ‘नव्य अयोध्या’ के लिए हो रहे कार्यों पर प्रसन्नता जताते हुए केंद्रीय मंत्री ने परियोजनाओं की समयबद्धता पर जोर दिया। (Uttar Pradesh)

देखें यह वीडियो – 

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.