AI Infrastructure: भारत का होगा अपना AI सिस्टम ? एनवीडिया के प्रस्ताव के बाद चर्चा तेज

124

कोमल यादव

AI Infrastructure: हाल ही में एनवीडिया (Nvidia) ने भारत में AI इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ साझेदारी की घोषणा की है। भारत में कंपनी के पहले AI शिखर सम्मेलन में एक चैट के दौरान, एनवीडिया सीईओ जेन्सन हुआंग और रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने AI क्षेत्र में देश की क्षमता पर चर्चा की।

चिप विकसित करने का प्रस्ताव
एनवीडिया (Nvidia) ने भारत के साथ मिलकर एक चिप विकसित करने का प्रस्ताव दिया है। वास्तव में कंपनी भारत की मजबूत सेमीकंडक्टर डिजाइन प्रतिभा का लाभ उठाना चाहती है और इस बढ़ते बाजार का लुफ्त भी उठाना चाहती है। दुनिया की दूसरी सबसे अहम कंपनी के संस्थापक सीईओ जेन्सन हुआंग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष यह प्रस्ताव उस समय रखा था, जब दोनों इस साल की शुरुआत में अमेरिका में मिले थे।

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री ने की पुष्टि
इस घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया को दिए एक साक्षात्कार में बताया की वे (एनवीडिया )Nvidia के साथ AI चिप के विकास पर चर्चा कर रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि एनवीडिया (Nvidia) भारत के विशाल चिप डिज़ाइनिंग बेस का उपयोग करना चाहता है और भारत के लिए एक विशिष्ट चिप विकसित करना चाहता है।

मुंबई में मीडिया से बातचीत में हुआंग ने कहा, “भारत को अपना खुद का AI तैयार करना चाहिए। हमें आउटसोर्स नहीं करना चाहिए। हमें इंटेलिजेंस आयात करने के लिए डेटा निर्यात नहीं करना चाहिए। यह एक नया विनिर्माण उद्योग है, भारत को 20 साल बाद इसमें कूदने का इंतज़ार नहीं करना चाहिए। ग्राउंड जीरो से इसमें प्रवेश करें।

एआई उत्पादक देश बनेगा भारत
भारत में पहले से ही दुनिया के लिए सॉफ़्टवेयर बनाने वाला IT उद्योग है और डिजिटल इंटेलिजेंस के उत्पादन की दिशा में बदलाव अब बहुत करीब है। यह वास्तव में मल्टी-ट्रिलियन डॉलर का उद्योग बनने जा रहा है, एक नई औद्योगिक क्रांति की शुरुआत है। वे आशा करते हैं कि भारत बड़े पैमाने पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उत्पादक बनेगा।

एनवीडिया (Nvidia) इतना महत्वपूर्ण क्यों है?
हाल ही में एप्पल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी दिग्गज टेक कंपनियों को पछाड़कर एनवीडिया दुनिया की मोस्ट वैल्युएबल कंपनी बनी। 1993 में स्थापित एनवीडिया  ने कंप्यूटर गेमर्स को ग्राफिक्स कार्ड बेचकर अपना नाम कमाया। लेकिन चिपमेकिंग के लिए इसका दृष्टिकोण अंततः AI मॉडल बनाने के लिए उपयोगी साबित हुआ। एक ऐसी प्रक्रिया, जिसमें सॉफ़्टवेयर को डेटा से भरना शामिल है। कंपनी ने सॉफ़्टवेयर, सर्वर, नेटवर्किंग और सेवाओं की एक श्रृंखला के साथ अपने लाइनअप का तेजी से विस्तार किया है। एनवीडिया का तर्क है कि इन सभी का उद्देश्य AI के उत्पादन में तेजी लाना है।

भारत की कैसे मदद करेगा?
इन चिप्स को भारतीय उपयोग के मामलों जैसे कवच, भारतीय रेलवे की सुरक्षा प्रणाली के लिए अनुकूलित किया जा सकता है। इसके अलावा, भारतीय प्लास्टरर्स, बिल्डर्स और सरकार विभिन्न प्रयोगों का समर्थन करने के लिए चिप का उपयोग कर सकते हैं, जिन्हें संस्थान मिशन के तहत सरकार द्वारा प्रदान किए गए रॉकेट पर उड़ाया जा सकता है।

भारत की स्थिति
हाल ही में मुंबई में आयोजित एनवीडिया एआई शिखर सम्मेलन के दौरान इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के अतिरिक्त सचिव अभिषेक सिंह ने जानकारी दी कि भारत AI मिशन के तहत, सरकार जीपीयू खरीदने और भारतीय स्टार्टअप्स को सब्सिडी वाली कंप्यूटिंग क्षमता प्रदान करने के लिए 10,372 करोड़ रुपये के फंड में से लगभग 5,000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।

Test Series: न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज गंवाने के बाद भारत ने टेस्ट स्टैंडिंग में गंवाया शीर्ष स्थान, इस स्थान पर खिसका

कुछ फायदे तो कुछ नुकसान
प्रौद्योगिकी के अपने फायदे और नुकसान हैं। हर चीज अच्छी या बुरी नहीं हो सकती। कैसे, कब और कितना नियमित किया जाए, इस पर लगातार बहस होती रहती है। हालांकि, भारत ने इसका भी उपाय ढूंढ़ना शुरू कर दिया।

भारत कर रहा है विचार
भारत सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि उसे एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता सुरक्षा संस्थान (AISI) स्थापित करना चाहिए या नहीं, जो नियामक निकाय के रूप में कार्य किए बिना या नवाचार को बाधित किए बिना AI विकास के लिए मानक, रूपरेखा और दिशानिर्देश निर्धारित करने में मदद कर सके। शीर्ष सरकारी अधिकारियों ने एक परामर्श बैठक में हितधारकों को बताया। बता दें कि ऐसे संस्थान स्थापित करनेवाला भारत पहला देश नहीं होगा। वास्तव में नवंबर 2023 में AISI की घोषणा करने वाला ब्रिटेन दुनिया का पहला देश बना था। बाद में अमेरिका और हाल ही में जापान ने भी इसकी घोषणा की।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.