LAC: वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के सैनिकों का डिसंगेजमेंट 30 अक्टूबर को पूरा हो गया। पूर्वी लद्दाख के डेप्सांग और डेमचोक में सैनिकों को वापस बुलाने के लिए दोनों देशों के बीच 21 अक्टूबर को एक समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद यह प्रक्रिया शुरू हुई थी। दोनों टकराव बिंदुओं पर तनाव कम करने के लिए कूटनीतिक प्रयासों के बाद अब दीपावली के बाद पेट्रोलिंग शुरू हो सकेगी।
2020 से पहले की स्थिति
भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में डेप्सांग और डेमचोक के दो टकराव बिंदुओं से सैनिकों को 2020 से पहले की स्थिति में वापस बुला लिया है। पिछले साढ़े चार वर्षों में बनाए गए सभी चौकियों, रक्षात्मक ठिकानों, आवासों और आश्रयों को भी हटा दिया गया है। सेना के सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों के ग्राउंड कमांडर गुरुवार को दिवाली के दिन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सभी सीमा कार्मिक बैठक (बीपीएम) बिंदुओं पर मिठाइयों का आदान-प्रदान करने के लिए मिलेंगे।
समझौते पर हस्ताक्षर
सूत्रों ने यह भी कहा कि दीपावली के बाद शुरू होने वाली पेट्रोलिंग के तौर-तरीकों का फैसला ग्राउंड कमांडर करेंगे, क्योंकि दोनों पक्षों के कोर कमांडरों ने ही डेप्सांग और डेमचोक में पीछे हटने और फिर से गश्त शुरू करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। भारतीय सेना ने सोमवार को चीनी सैनिकों की वापसी का भौतिक सत्यापन किया, जिसमें दोनों टकराव वाले बिंदुओं पर 2020 के बाद से बनाए गए सभी अतिरिक्त ढांचों को तोड़ दिया गया। दोनों देशों ने भौतिक सत्यापन के साथ-साथ ड्रोन के ज़रिए निगरानी भी की है।