पुणे शहर में बेड और ऑक्सीजन की भारी कमी के कारण मरीजों को दरबदर भटकना पड़ रहा है। ऐसे में सरकारी कोविड जंबो सेंटर में मरीजों को भर्ती कराने के लिए 1 लाख रुपये की मांग करने का मामला सामने आया है। मामले में मुफ्त में बेड दिलाने के लिए तीन डॉक्टरों ने 1 लाख रुपये की मांग की थी।
पिंपरी चिंचवड़ महानगर पालिका की एक शिकायत के आधार पर, पीसीएमसी के ऑटो क्लस्टर हॉस्पिटल में वेंटिलेटर बेड के लिए एक कोरोना पॉजिटिव के परिजनों से 1 लाख रुपये लेने के आरोप में तीन डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया है।
पिंपरी पुलिस ने किया गिरफ्तार
गिरफ्तार डॉक्टरों में स्पर्श हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के डॉ. प्रवीण जाधव,ऑटो क्लस्टर सुविधा के डॉ. शशांक राले और पद्मजा अस्पताल, वालहेकरवाड़ी के डॉ. सचिन कास्बे शामिल हैं। पीसीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त उल्हास जगताप ने इनके खिलाफ पिंपरी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है।
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पुलिस ने दी जानकारी
पुलिस के अनुसार, मरीजों को पीसीएमसी के ऑटो क्लस्टर कोविड अस्पताल में कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है। डॉ. जाधव ने अस्पताल में बिस्तर उपलब्ध कराने के लिए चिखली के सुरेखा अशोक वबल के रिश्तेदारों से एक लाख रुपये लिए थे। उन्होंने मरीज को रेफर करने के लिए दोनों डॉक्टरों को पहले 20,000 रुपये दिए थे, बाद में इलाज के दौरान मरीज की मौत हो गई थी।
भाजपा पार्षद कुंदन गायकवाड़ ने उठाया मामला
मृतक के परिजनों ने इस बारे में भाजपा पार्षद कुंदन गायकवाड़ और विकास डोलस को सूचित किया। उन्होंने 30 अप्रैल को महापा नगरलिका की आम सभा के दौरान इस मामले को उठाया था। उसके बाद महापौर माई ढोरे ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के आदेश जारी किए थे। उसके बाद पिंपरी पुलिस थाने में मामले में एफआईआर दर्ज की गई और तीनों डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया।