सचिन धनजी
Bandra East Assembly: इस साल बांद्रा पूर्व विधानसभा क्षेत्र में जीशान सिद्दीकी और महायुति के आधिकारिक उम्मीदवार वरुण सरदेसाई को एमएनएस की तृप्ति सावंत तथा स्वतंत्र उम्मीदवार कुणाल सरमालकर से बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इस निर्वाचन क्षेत्र में एमएनएस के पास पारंपरिक रूप से लगभग 10,000 मतदाता हैं। चूंकि बीजेपी ने महायुति में कुछ सीटों पर एमएनएस को अपना समर्थन देने की घोषणा की है, इसलिए तृप्ति सावंत के कारण इस निर्वाचन क्षेत्र में त्रिकोणीय लड़ाई होने की संभावना है। यहां बीजेपी के पास 25,000 से अधिक मतदाता हैं।
ऐसा रहा है इतिहास
दिवंगत शिवसेना विधायक बाला सावंत 2009 से बांद्रा पूर्व विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित थे, लेकिन 2014 में निर्वाचित होने के बाद उनकी मृत्यु हो गई और यहां हुए उपचुनाव में उनकी पत्नी तृप्ति सावंत खड़ी हुईं । उन्होंने तत्कालीन कांग्रेस नेता नारायण राणे को हराया। बाद में 2019 में हुए चुनाव में शिवसेना ने तृप्ति सावंत का पत्ता काट दिया और दिवंगत पूर्व महापौर विश्वनाथ महादेश्वर को उम्मीदवार बनाया। इसलिए तृप्ति सावंत ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और उन्हें 24 हजार 71 वोट मिले। जबकि शिवसेना के महादेश्वर 5 हजार 790 वोटों से हार गए और कांग्रेस के जीशान सिद्दीकी 38 हजार 337 वोट प्राप्त कर जीत गए। इस चुनाव में तृप्ति सावंत को 19 प्रतिशत वोट मिले।
चुनाव मैदान में युवा सेना महासचिव वरुण सरदेसाई
इस विधानसभा चुनाव 2024 में ठाकरे के भतीजे यानी उबाठा शिव सेना के युवा सेना महासचिव वरुण सरदेसाई चुनावी मैदान में उतर गए हैं। वहीं, मौजूदा विधायक महागठबंधन की ओर से एनसीपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा उनके पिता पूर्व विधायक बाबा सिद्दीकी की हत्या हो चुकी है, इसलिए लोगों की सहानुभूति उनके साथ है। एक तरफ जहां वरुण सरदेसाई को शिवसेना को करीब 40 हजार वोट और कांग्रेस के करीब 12 हजार वोट और एनसीपी के करीब 8 से 10 हजार वोट हैं, वहीं जीशान सिद्दीकी को मिले 38 हजार वोटों की तुलना में कांग्रेस के लगभग 32 हजार वोट हैं। पिछली बार। इसके अलावा, चूंकि वहां कुछ वोट शिवसेना के भी हैं, इसलिए शिवसेना के कुल 40 हजार वोट बंट जाएंगे। साथ ही कांग्रेस के वोट भी बंट जायेंगे। इससे वरुण सरदेसाई और जीशान सिद्दीकी के वोट बंट जाएंगेष इसलिए दोनों के बीच कांटे की टक्कर होगी।
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किसी के लिए भी जीत आसान नहीं
जीशान सिद्दीकी की बात से सहमत नहीं होने के कारण शिवसेना के प्रभाग प्रमुख कुणाल सरमालकर ने भी निर्दलीय उम्मीदवारी दाखिल कर वरुण सरदेसाई की सीधे तौर पर मदद की है, हालांकि, गठबंधन होने के बावजूद जीशान सिद्दीकी को चुनाव प्रचार में दिक्कतें आ रही हैं। ऐसे में तृप्ति सावंत को बीजेपी का वोट मिल सकता है क्योंकि तृप्ति सावंत मनसे की ओर से चुनाव मैदान में उतरी हैं। पूर्व विधायक बाला सावंत की पत्नी होने के नाते, प्रभाग के लोगों से उन्हें मिलने वाले व्यक्तिगत वोट, मनसे के वोट और भाजपा के वोट सावंत, वरुण सरदेसाई और जीशान सिद्दीकी का सिरदर्द बढ़ाएंगे, क्योंकि बसपा के अजय कदाने भी चुनावी दंगल में हैं। इस सीट पर जीतना किसी के लिए भी आसान नहीं है। हालांकि, ठाकरे परिवार के सामने वरुण सरदेसाई को चुनने की चुनौती है। इन तीनों की लड़ाई में जीत का परचम कौन लहराएगा, इस पर सबकी निगाहें हैं।