Reservation: हरियाणा सरकार के कोटे के भीतर कोटा बनाने के फैसले को दूसरे राज्यों में भी भाजपा अपना सकती है। दूसरी बार हरियाणा का मुख्यमंत्री बनते ही नायब सिंह सैनी ने अनुसूचित जातियों में वर्गीकरण करते हुए आरक्षण में आरक्षण देने यानी कोटे के भीतर कोटा बनाने का फैसला किया। भाजपा उत्तर प्रदेश में साल 2027 के विधानसभा चुनाव में इसी फार्मूले का इस्तेमाल करके चुनाव जीतना चाहती है।
हरियाणा का आरक्षण का नया मॉडल
हरियाणा के विधानसभा चुनाव से पहले नायब सिंह सैनी की सरकार ने अनुसूचित जातियों को राज्य में मिलने वाले 20 फ़ीसदी आरक्षण के कोटे में से कोटा बनाने के लिए एक कमेटी गठित की थी। जिसकी रिपोर्ट चुनाव से पहले ही आ गई थी । हरियाणा में कमजोर अनुसूचित जातियों के बीच यह संदेश चला गया कि भाजपा सरकार उन्हें अलग से आरक्षण की व्यवस्था देने को तैयार है। तीसरी बार सत्ता में आने के बाद भाजपा ने 20 फ़ीसदी आरक्षण में से 10 फ़ीसदी आरक्षण अति पिछड़ी अनुसूचित जातियों को देने का फैसला किया। जैसा कि आप जानते हैं इसी वर्ष अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जातियों में उप वर्गीकरण का फैसला सुनाया था इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राज्यों को पिछड़ेपन के विभिन्न स्तरों के आधार पर एससी और एसटी को उप वर्गीकृत करने की संवैधानिक अनुमति है।
हरियाणा में अनुसूचित जातियों में बनाई गई वंचित अनुसूचित जाति नाम की नई श्रेणी
हरियाणा की नायाब सरकार ने अनुसूचित जातियों में वंचित अनुसूचित जाति ( डीएससी) नाम की एक नई श्रेणी बनाई है जिसमें 36 अनुसूचित जातियों को शामिल किया गया है। हरियाणा में अनुसूचित जातियों के आरक्षण में से वंचित अनुसूचित जातियों के लिए अलग से आरक्षण देने की मांग हरियाणा में लंबे समय से उठती रही है। भाजपा ने साल 2014 साल 2019 के विधानसभा चुनाव में अपने घोषणा पत्र में वंचित अनुसूचित जातियों को आरक्षण में से अलग आरक्षण देने का वादा किया था। हरियाणा की कुल आबादी 3.12 करोड़ से अधिक है ।जिसमें तकरीबन 26 से 27 फीसदी अनुसूचित जातियों की आबादी है।
उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भी लागू हो सकता है हरियाणा मॉडल
उत्तर प्रदेश सरकार ने दलितों के 22 प्रतिशत आरक्षण में बंटवारे के साथ-साथ पिछड़ों के 27 प्रतिशत आरक्षण में भी बंटवारे के लिए सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट पर आए सुझाव को आधार बनाया है । योगी सरकार ने दलितों को तीन वर्गों को दलित, अति दलित और महादलित में विभाजित करने की योजना बनायी है। इन्हें क्रम से सात-सात और आठ फ़ीसदी आरक्षण देना चाहती है। इसमें चार जातियों को दलित वर्ग में, 37 जातियों को अति दलित वर्ग में और 46 जातियों को महा दलित वर्ग में शामिल किया गया है।
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इसी प्रकार से पिछड़ा वर्ग में पिछड़े, अति पिछड़े और सर्वाधिक पिछड़ी जातियों में बांट कर सभी को नौ -नौ फीसदी आरक्षण देने का प्रस्ताव है पिछड़ों में भी 12 जातियों को पिछड़ा वर्ग में ,59 जातियों को अति पिछड़ा वर्ग में और 79 जातियों को सर्वाधिक पिछड़ा वर्ग में रखा गया है।
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