Maharashtra Assembly Elections: मराठा आरक्षण के मुद्दे पर विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर मनोज जारंगे ने खूब सुर्खियां बटोरीं। ऐसे ही कई लोगों से नामांकन फॉर्म भरने को कहा गया, हालांकि, नाम वापसी के आखिरी दिन जारंगे पाटील विधानसभा चुनाव में नहीं उतरने का निर्णय लिया। साथ ही जिन लोगों ने आवेदन पत्र भरा था, उनसे आवेदन पत्र वापस ले लिया गया। मनसे नेता प्रकाश महाजन ने कहा कि मौलवियों की धोखाधड़ी के कारण जारंगे चुनाव नहीं लड़ पाये।
जरांगे मराठा, मुस्लिम और दलित फार्मुला पर नहीं कर पाये अमल
मनोज जारंगे पाटील ने मराठा, मुस्लिम और दलित तीन समुदायों को एक साथ लेकर चुनाव मैदान में उतरने का ऐलान किया था। लेकिन उन्होंने 4 अक्टूबर की सुबह मैदान से हटने की घोषणा की क्योंकि उनके सहयोगियों ने उम्मीदवार को लेकर फैसला नहीं किया था। उनके इस ऐलान से उनके समर्थक हैरान रह गए।
प्रकाश महाजन ने क्या कहाः
इसी पृष्ठभूमि में मनसे नेता प्रकाश महाजन ने उपरोक्त तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा, चुनाव मैदान से क्यों हटे मनोज जारंगे पाटिल? इस सवाल का जवाब तो वही दे सकते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि मुस्लिम मौलवी के सही समय पर विश्वासघात के कारण वे चुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतार पाए। यह तय हो चुका है कि मुसलमानों को किसे वोट देना है और किसके खिलाफ। मौलाना नोमानी के बयान को देखकर साफ है कि मुसलमानों ने हिंदू धर्म में विश्वास रखने वाली पार्टी के खिलाफ वोट करने का फैसला किया है, इसलिए हिंदुओं को इस बारे में सोचना चाहिए। मौलवियों ने उनके साथ जाने में कम रुचि दिखाई। उन्होंने उन्हें धोखा दिया। महाजन ने कहा कि इसीलिए उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया।