कोरोना काल में केंद्र और राज्य सरकारों ने अपने-अपने स्तर पर किसानों और उद्योग-धंधों के लिए राहत पैकेज की घोषणा की है, लेकिन दुकानदारों को न तो केंद्र से और न ही राज्य सरकार से किसी प्रकार की मदद मिली है। मुंबई के लाखों दुकानदारों के सामने दुकान के किराए देने के लिए भी पैसे नहीं हैं, जबकि मुंबई में करीब 45 फीसदी दुकान किराये के हैं। कोरोना महामारी की वजह से करीब 6 माह तक लगातार दुकान बंद रहने से उनकी आर्थिक हालत खराब है।
दुकान मालिक मांग रहे हैं किराया
अब जब दुकानें खुल गई हैं तो उनके ऑनर किराए के लिए तकादा करने लगे हैं। लेकिन आर्थिक संकट झेल रहे दुकानदारों के पास पैसे नहीं हैं। इस वजह से दुकान मालिकों और उनके बीच कहासुनी होने के कई मामले सामने आए हैं। दुकान मालिक पिछले 6 माह का किराया लेने पर अड़े हुए हैं,जबकि दुकानदार चाहते हैं कि उन्हें किराये में राहत मिले।
मुख्यमंत्री दें दुकानदारों का किरायाः राज पुरोहित
कोरोना संकट के समय देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित लगभग सभी राज्य की सरकारों ने मकान और दुकान मालिकों से अनुरोध किया था कि वे लॉकडाउन के दौरान किरायेदारों से किराया न लें ,लेकिन इसका मकान और दुकान मालिकों पर कोई असर पड़ता दिखाई नहीं दे रहा है। इस मुद्दे को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री राज पुरोहित ने पोस्टर,बैनर के माध्यम से दुकानदारों की आवाज बुलंद की है। वो चाहते हैं कि दुकानदारों का किराया मुख्यमंत्री दें।
ये भी पढ़ेंः महाराष्ट्र : विवादों वाली ताई, पिटाई में सजा पाई
दुकान मालिक भेज रहे हैं नोटिस
पुरोहित ने कहा कि अब तो लैंड लॉर्ड ने दुकानदारों को नोटिस देना भी शुरू कर दिया है। उद्धव सरकार को चाहिए कि वह किसानों की तरह दुकानदारों को भी आथिर्क मदद करें। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने हाल ही में केंद्रीय कर्मचारियों को 10 हजार फेस्टिवल पैकेज देने की घोषणा की है, जबकि किसानों को तत्काल राहत के तौर पर 2-2 हजार की तीन किस्तो में सहायता देने की घोषणा की है। इससे पहले उद्योग-धंधों को आर्थिक संकट से उबारने के लिए केंद्र सरकार ने 20 हजार करोड़ के राहत पैकेज देने का भी ऐलान किया है।
सरकारी मदद की आस
मुम्बई रिटेल्स शॉप असोसिएशन के अध्यक्ष वीरेन शाह इस बारे में कहते हैं कि कोरोना महामारी ने हर क्षेत्र को प्रभावित किया है, जिसमें दुकानदार भी शामिल हैं लेकिन केंद्र और राज्य सरकार ने दुकानदारों पर ध्यान नहीं दिया है। हम चाहते हैं कि कम से कम सरकार दुकानदारों के प्रॉपर्टी टैक्स ,इलेक्ट्रिक बिल और जीएसटी माफ कर उनको थोड़ी तो राहत पहुंचाए। इसके साथ ही शाह ने दुकान मालिकों से भी दुकानदारों को किराए में राहत देने का अनुरोध किया है।
मुम्बादेवी जेवेलर्स असोसिएशन के उपाध्यक्ष कुमार जैन का कहना है कि कोरोना काल में दुकानदारों की हालत दयनीय है। दुकान खुलने के बाद भी ग्राहक गायब हैं। ऐसे में वे पेंडिंग 6 माह के रेंट कहां से दें, इसे लेकर दुकानदार चिंतित हैं।