Madhya Pradesh: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 11वें हाथी की मौत, 4 माह के हाथी शावक ने तोड़ा दम

इन दिनों उमरिया जिले का बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व जंगली हाथियों के लिए जीवन संकट साबित हाे रहा है। 29 अक्टूबर को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में चार हाथी मृत पाए गए थे। बाद में मरने वालों की संख्या बढ़कर 10 हो गई थी।

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Madhya Pradesh के विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की मौत का मामला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। बीते दिनों 10 हाथियों की मौत के बाद अब हाथी शावक की भी मौत हो गई। जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पनपथा बफर रेंज क्षेत्र में 3 दिन पूर्व नन्हा हाथी शावक बीमार हालत में मिला था, जिसको तत्काल रेस्क्यू कर पार्क प्रबंधन ताला हाथी कैम्प ले आया था। जहां डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया था, लेकिन 10 नवंबर की सुबह उसकी मौत हो गई।

अचेत अवस्था में मिला था हाथी का बच्चा
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उप संचालक प्रकाश कुमार वर्मा ने बताया कि पनपथा बफर रेंज अंतर्गत खारी बड़ी टोला बीट के कक्ष क्रमांक आरएफ 179 पटपरहा हार से 1 जंगली हाथी का बच्चा झुंड से बिछड़ कर लावारिस अचेत बीमार अवस्था में मिला था। जिसका उपचार करवाया गया और इसको रामा हाथी कैम्प में रखा गया। लेकिन रविवार सुबह 6 बजकर 06 मिनट पर उसकी मौत हो गई। उसका पोस्टमार्टम अधिकारियों की उपस्थिति में नियमानुसार करवाया जा रहा है।

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टाइगर रिजर्व जंगली हाथियों के लिए जीवन संकट
गौरतलब है कि इन दिनों उमरिया जिले का बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व जंगली हाथियों के लिए जीवन संकट साबित हाे रहा है। 29 अक्टूबर को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में चार हाथी मृत पाए गए थे। बाद में मरने वालों की संख्या बढ़कर 10 हो गई थी। सभी लैब की रिपोर्ट में हाथियों की मौत का कारण कोदो ही बताया जा रहा है, लेकिन यहां के क्षेत्रीय लोग मानने को तैयार ही नही हैं, क्योंकि उसी कोदो की फसल को उनके मवेशी खा रहे हैं और उनको कुछ नहीं हुआ।

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