शपथ लेते ही ममता बनर्जी और राज्यपाल में जुगलबंदी! पढ़ें किसने क्या कहा?

पश्चिम बंगाल में लगातार तीसरी बार ममता बनर्जी की सरकार ने सत्ता की कमान संभाल ली है। इस बीच राज्य में हिंसा को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने देशव्यापी धरना प्रदर्शन भी किया है।

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पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में हुई हिंसा के विरोध में प्रदर्शन किया। राज्य में धरने और शपथ ग्रहण के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच एक जुगलबंदी भी हो गई।

राज्य में सरकार के अस्तित्व में आने का विश्वास मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शपथ लेने के बाद दिलाया। जब राज्यपाल मुख्यमंत्री को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिला रहे थे तो भारतीय जनता पार्टी राज्य में मतगणना के पश्चात हुई हिंसा के विरोध में धरना दे रही थी। भाजपा की यह नाराजगी शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री को  झेलनी पड़ी, जब राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को एक सीख दे दी और वह ममता बनर्जी को चुभ गई। अपनी शपथ के बाद ममता बनर्जी ने मीडियों को संबोधित भी किया था।

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ममता बनर्जी शपथ विधि के बाद बोलीं,

हमारी पहली प्राथमिकता कोरोना संकट को काबू करना है, इसी मुद्दे पर दोपहर 12.30 बजे बैठक बुलाई गई है। सभी राजनीतिक दलों से अपील करती हूं कि शांति बनाए रखें।

ममता बनर्जी का संबोधन समाप्त होते ही राज्यपाल धनखड़ ने भी एक सीख दे दी। साधारणतया राज्यपाल ऐसी कोई बातें शपथ ग्रहण के बाद नहीं कहते, लेकिन पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा के बाद राज्यपाल की चिंता स्वाभाविक मानी जा रही है। इस विषय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी फोन करके चिंता व्यक्त कर चुके थे।

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा,

मैं ममता जी को मुख्यमंत्री के उनके तीसरे कार्यकाल के लिए बंधाई देता हूं। हमारी प्राथमिकता है कि हम इन हिंसा की घटानाओं को समाप्त करें जो समाज को प्रभावित कर रही हैं। मुझे पूर्ण विश्वास है कि सीएम तत्काल प्रभाव से इस पर आवश्यक कार्रवाई करेंगी जिससे कानून व्यवस्था प्रभावी हो सके।

 

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्यपाल की ये सीख रास नहीं आई। उन्होंने हिंसा की घटनाओं से अपना पल्ला झाड़ते हुए चुनाव आयोग के सिर पूरा ठीकरा फोड़ दिया।

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राज्यपाल की सीख का उत्तर देने के लिए ममता बनर्जी ने तत्काल कहा,

मैंने आज शपथ ली है। तीन महीने से राज्य में सरकार चुनाव आयोग के हाथ में है। चुनाव आयोग ने इस दौरान अधिकारियों का स्थानांतरण किया, नियुक्ति भी की, जिन्होंने कोई कार्य नहीं किया। अब वे कमान संभाल रही हैं और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करती हैं।

 

पश्चिम बंगाल में राज्यपाल और ममता बनर्जी के मध्य संबंध कड़वाहट भरे रहे हैं। शपथ ग्रहण के समय हुई इस घटना के समय राज्य में भारतीय जनता पार्टी के नेता राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के नेतृत्व में धरना दे रहे थे।

इस बीच जेपी नड्डा ने कहा कि,

हम भी यह शपथ लेते हैं कि हम सहर्ष अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे। हम जनता के निर्णय को स्वीकार करते हैं और विपक्ष की महत्वूर्ण भूमिका संभालेंगे। हम बंगाल में राजनीतिक हिंसा, तुष्टीकरण और उत्पीड़न के विरोध में लड़े थे। हम पीछे नहीं हटेंगे और अपनी सभी जिम्मेदारियों को निभाएंगे। जिन पर लोगों को सुरक्षा देने कीजिम्मेदारी थी वही हिंसा के लिए जिम्मेदार है। वे शपथ ले सकते हैं, लोकतंत्र में ये सभी का अधिकार है, लेकिन हम भी शपथ लेते हैं हम बंगाल में राजनीतिक हिंसा को खत्म करेंगे।

भारतीय जनता पार्टी के अनुसार राज्य में मतगणना के बाद के हिंसा चक्र में उसके 14 कार्यकर्ताओं की हत्या हो गई है। इसके अलावा बड़ी संख्या में लोगों पर हमले हुए, संपत्ति का नुकसान किया गया। इसको लेकर देशव्यापी धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया है। इसमें मुंबई में भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने भी ममता बनर्जी की पार्टी ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के विरोध में धरना प्रदर्शन किया।

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