दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Elections) अगले साल फरवरी में प्रस्तावित है। भाजपा (BJP), आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) और कांग्रेस (Congress) के बीच लड़ाई दिलचस्प होती जा रही है। दिल्ली नगर निगम (Delhi Municipal Corporation) के महापौर चुनाव (Mayor Elections) में आम आदमी पार्टी के 8 पार्षदों ने पाला बदलकर भाजपा के पक्ष में मतदान किया है। महापौर के चुनाव में भले ही आप पार्टी ने जीत हासिल कर ली हो लेकिन पार्टी को एक बड़ा झटका लगा है।
आम आदमी पार्टी के समक्ष चुनौतियां
दिल्ली महापौर चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी के पास 143 वोट थे जिनमें से 127 पार्षदों, 13 विधायक और 3 राज्यसभा सांसदों के वोट थे। राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल सदन में नहीं पहुंची। राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल समेत शीर्ष नेतृत्व के लिए टेंशन की बात है कि 8 पार्षदों ने टोपी तो आम आदमी वाली पहनी और वोट भाजपा प्रत्याशी पक्ष में किया। क्रॉस वोटिंग ने विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी की चिंता बढ़ा दी है।
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भाजपा बोली केजरीवाल की हार
आम आदमी पार्टी की क्रॉस वोटिंग पर भाजपा भी हमलावर हो गई है और इसे अरविंद केजरीवाल की हार बताया है भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा कहते हैं कि महापौर चुनाव में आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने भाजपा के पक्ष में वोट दिया है। यह अरविंद केजरीवाल की नैतिक हार है। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल को आप संयोजक पद पर रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। चुनाव से पहले यह आप के लिए बड़ा झटका है।
कांग्रेस पार्षदो ने किया वाकआउट
कांग्रेस ने मेयर चुनाव में हिस्सा नहीं लिया। कांग्रेस की नेता नाजिया दानिश ने चुनाव के दौरान कांग्रेस के 6 अन्य पार्षदों के साथ आम आदमी पार्टी और भाजपा पर निशाना साधा। कांग्रेस दिल्ली विधानसभा चुनाव में अकेले लड़ेगी। इसलिए मतदान में हिस्सा न लेकर उसने साफ संकेत दे दिया कि वह आम आदमी पार्टी के खिलाफ अपना रुख कायम रखेगी।
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