मनपा के जायसवाल को चैन मिले ना!

इससे पहले बीएमसी के कई अतिरिक्त आयुक्तों को ठाणे के आयुक्त के पद पर नियुक्त किया गया था। उनमे आर.ए. राजीव,असीम गुप्ता जैसे आईएएस अधिकारियों के नाम शामिल हैं। लेकिन संजीव जायसवाल के मामले में उल्टा हुआ है। उन्हें ठाणे महानगरपालिका के आयुक्त पद से बीएमसी में अतिरिक्त आयुक्त के पद पर नियुक्त किया गया है।

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ऊंट को तब तक अपनी ऊंचाई का पता नहीं चलता, जब तक वो पहाड़ के नीचे नहीं आता।आईएएस अधिकारी संजीव जायसवाल का भी इन दिनों यही हाल है। ठाणे महानगरापिलका के पूर्व आयुक्त को शायद ये सपने में भी गुमान नहीं होगा, कि उन्हें आगे किसी “बॉस” के मातहत काम करना पड़ेगा। ठाणे में आयुक्त पद पर रहते हुए निर्णय लेने के लिए आजाद जायस्वाल को अब मुंबई महानगरपालिका के आयुक्त के मातहत काम करना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि इस वजह से उनका मन अपने कामकाज में नहीं लग रहा है और वे अपने ऑफिस में अनमने-से रहते हैं।

परंपरा के विपरीत जायसवाल का तबादला
इससे पहले बीएमसी के कई अतिरिक्त आयुक्तों को ठाणे के आयुक्त के पद पर नियुक्त किया गया था। उनमे आर.ए. राजीव,असीम गुप्ता जैसे आईएएस अधिकारियों के नाम शामिल हैं। लेकिन संजीव जायसवाल के मामले में उल्टा हुआ है। उन्हें ठाणे महानगरपालिका के आयुक्त पद से बीएमसी में अतिरिक्त आयुक्त के पद पर नियुक्त किया गया है।

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एक तीर में दो निशाना
ठाणे मनपा में आयुक्त रहते हुए जायसवाल ने अपनी कर्तव्यनिष्ठता का परिचय दिया था। इस वजह से उनकी कई राजनीतिज्ञों से भी ठन गई थी। ऐसे राजनीतिज्ञों में ठाणे के पालकमंत्री एकनाथ शिंदे भी शामिल थे। कहा जाता है कि इसी कारण उनका तबादला बीएमसी में अतिरिक्त आयुक्त के पद पर कर महाराष्ट्र सरकार ने एक तीर में दो निशाना साधा। एक तरफ तो उसने शिंदे की राह का कांटा हटा दिया, वहीं कोरोना काल में उन्हें बीएमसी में अतिरिक्त आयुक्त के पद पर नियुक्त कर उनपर भरोसा जताने का दावा किया।

कोरोना काल में किया सराहनीय काम
जायसवाल ने भी राज्य सरकार के भरोसे पर खरा उतरते हुए कोविड सेंटर निर्माण से लेकर मरीजों की देखभाल तक में समर्पण के साथ काम किया। उन्होंने मरीजों के खाने-पीने का ख्याल रखने से लेकर अन्य छोटी-बड़ी समस्याओं के समाधान में भी सराहनीय काम किया, लेकिन अब जब बीएमसी के सामान्य कामकाज की शुरुआत हो गई है, तब उन्हें अपनी असली हैसयत का अहसास होने लगा है।

निर्णय पर बॉस की मुहर जरुरी
ठाणे मनपा में आयुक्त रहते हुए निर्णय लेने के लिए आजाद संजीव जायसवाल को अब हर निर्णय में बॉस से राय-सलाह करनी पड़ रही है। इस वजह से उनका मन अपने कामकाज में नहीं रमने की बात कही जा रही है। बताया जा रहा है कि वे यहां से जल्द से जल्द अपना तबादला चाहते हैं और इसका इंतजार कर रहे हैं।

इन पदों पर रह चुके हैं जायसवाल
1996 बैच के आईएएस अधिकारी संजीव जायसवाल अब तक कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत रहे हैं। वो नाशिक और नंदूरबार में सहायक जिलाधिकारी थे। उसके बाद वे नाशिक जिला परिषद में मुख्य कार्यकारी अधिकारी, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री कार्यालय में उप सचिव और चंद्रपुर तथा औरंगाबाद जिले के जिलाधिकारी रहे। उन्होंने नागपुर महानगरपालिका के आयुक्त और औरंगाबाद के विभागीय आयुक्‍त पद पर कार्यरत रहने के बाद ठाणे महानगरपालिका के आयुक्‍त का पद संभाला। इन सभी पदों पर रहते हुए उन्होंने अपनी अच्छी छाप छोड़ी और उन्हें कई तरह के पुरस्कारों से सम्मनित किया गया। ठाणे में आयुक्त पद पर रहते हुए भी उन्होंने तमाम अड़चनों के बावजूद सराहनीय काम किया। लेकिन वर्तमान बीएमसी आयुक्त इकबाल सिंह चहल और जायसवाल के सूर नहीं मिलने की चर्चा है। इस वजह से चहल उनको हाशिये पर रखना चाहते हैं। यही कारण है कि बीएमसी के इस डैशिंग अधिकारी को काम करने में मन नहीं लग रहा है।

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