Bitcoin scam case: करोड़ों के बिटकॉइन घोटाले मामले में ईडी 20 नवंबर काे यहां बड़ी कार्रवाई की। ईडी की टीम ने रायपुर के गौरव मेहता के आम्रपाली सोसाइटी स्थित घर में दबिश दी है। उद्योगपति गौरव मेहता सारथी एसोसिएट्स ऑडिट फर्म से जुड़े हुए हैं।
मेहता के ठिकानों पर छापेमारी
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मेहता के ठिकानों पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत छापेमारी की जा रही है। ईडी के अधिकारियों ने गौरव मेहता के घर में दस्तावेजों की जांच की और पूरे घर की तलाशी ली है। उद्योगपति गौरव मेहता के घर में एक लैपटॉप और कई हार्डडिस्क मिली हैं। अधिकारी मेहता और उनके परिवार के सदस्यों से पूछताछ कर रहे हैं।
महाराष्ट्र और पंजाब में इस बिटकॉइन घोटाले को लेकर 40 एफआईआर दर्ज
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र और पंजाब में इस बिटकॉइन घोटाले को लेकर 40 एफआईआर दर्ज की गईं हैं। इस मामले में 2018 में जांच शुरू हुई थी। अमित भारद्वाज इस मामले का मास्टरमाइंड था। उसने बिटकॉइन में निवेश करने के लिए कहकर लोगों को धोखा दिया था, जिसके बाद निवेशकों का पैसा डूब गया। घोटाले के बाद भारद्वाज दुबई भाग गया था, जिसके बाद उसे वहां से निर्वासित किया गया। अमित भारद्वाज की जनवरी 2022 में हार्ट अटैक से मौत हो गई थी।
2024 में कोर्ट में चार्जशीट दायर
अमित भारद्वाज और उसके परिवार के खिलाफ ईडी 2024 में कोर्ट में चार्जशीट भी दायर कर चुकी है। इस मामले में 2018 में जांच शुरू हुई थी। आरोप है कि आरोपित अमित अपनी कंपनी वेरिएबल टेक प्राइवेट लिमिटेड के जरिए मल्टी लेवल मार्केटिंग के नाम पर लोगों से बिटकॉइन में निवेश कराया करता था। 2018 में महाराष्ट्र में इस मामले में जांच के लिए आईपीएस रविंद्रनाथ पाटिल को जोड़ा गया और साल 2022 में वो इसी घोटाले में खुद गिरफ्तार हो गए। आरोप है कि इस क्रिप्टोकरेंसी साइबर फ्रॉड में बिटकॉइन भी गायब किए गए। बाद में 2018 में पता चला कि जो क्रिप्टोकरेंसी का वॉयलेट मिला था, उसमें करोड़ों के बिटकॉइन मिले थे। इन करोड़ों रुपये के बिटकॉइन को दो आईपीएस अधिकारियों भाग्यश्री और अमिताभ गुप्ता ने हथिया लिया था और वहां नकली वॉलेट रखा, जिसमें पैसे नहीं थे।
गौरव मेहता ने दी थी गवाही
रविंद्रनाथ के जेल जाने पर गौरव मेहता ने गवाही दी थी। गौरव मेहता ने रवींद्र नाथ पाटिल को फोन पर बताया कि आपको अमिताभ गुप्ता और भाग्यश्री ने फंसाया है। बिटकॉइन का असली वॉयलेट उनके पास है और उनके ऊपर भी एक लेयर है जिसमें नेता हैं। उसमें सुप्रिया सुले के साथ-साथ नाना पटोले भी शामिल हैं।बताया गया है कि सारथी एसोसिएट्स ऑडिट फर्म, पुणे पुलिस को 6600 करोड़ के क्रिप्टोकरेंसी घोटाले की जांच में मदद कर रही थी।
रवींद्रनाथ पाटील का दावा
पूर्व आईपीएस रवींद्रनाथ पाटील ने दावा किया था कि गौरव मेहता से सुप्रिया सुले और नाना पटोले ने संपर्क किया था और चुनाव में उपयोग के लिए घोटाले से बिटकॉइन नकद की मांग की थी। इसी के बाद से ईडी इसकी जांच में जुटी है। अधिकारियों ने बताया है कि गौरव मेहता एक साइबर एक्सपर्ट भी है। गौरव ने खुद के पास बिटकॉइन वॉलेट होने की जानकारी दी थी।