भारत (India) में डिजिटल गिरफ्तारी (Digital Arrest) और साइबर धोखाधड़ी (Cyber Fraud) के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिसके कारण यह एक गंभीर समस्या बनकर उभर रही है। इस पर कड़ी नजर रखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने गुरुवार (22 नवंबर) को डिजिटल अपराध (Digital Crime) के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है। मंत्रालय ने 17 हजार व्हाट्सएप अकाउंट ब्लॉक (WhatsApp Account Blocked) कर दिए हैं, जो डिजिटल गिरफ्तारी और साइबर धोखाधड़ी से जुड़े थे। यह कदम इस बात का संकेत है कि सरकार इन साइबर धोखाधड़ी को रोकने के लिए और सख्त कदम उठाने की योजना बना रही है।
इसके अलावा गृह मंत्रालय ने एक उच्च स्तरीय समिति का भी गठन किया है, जो इन मामलों की निगरानी करेगी। मंत्रालय के आंतरिक सुरक्षा सचिव इस समिति की निगरानी कर रहे हैं। इसके साथ ही गृह मंत्रालय की साइबर विंग ने 709 मोबाइल ऐप भी ब्लॉक कर दिए हैं, जो इन अपराधों से जुड़े थे। इन ऐप का इस्तेमाल मुख्य रूप से साइबर धोखाधड़ी और डिजिटल गिरफ्तारी की घटनाओं में किया जा रहा था।
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डिजिटल अरेस्ट की घटनाएं
रिपोर्ट के अनुसार, ब्लॉक किए गए 50 प्रतिशत से ज्यादा व्हाट्सएप अकाउंट जनवरी 2024 में ही शुरू हुए थे। इनका इस्तेमाल कई धोखाधड़ी की घटनाओं में किया गया, जिसमें डिजिटल अरेस्ट की घटनाएं भी शामिल हैं। इन अकाउंट पर लगातार नजर रखकर साइबर सुरक्षा टीम ने इनकी पहचान की और तुरंत कार्रवाई की।
पीएम मोदी ने भी लोगों को किया जागरूक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कई बार साइबर धोखाधड़ी के बारे में जागरूकता बढ़ाने की बात कर चुके हैं। अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में पीएम मोदी ने डिजिटल अरेस्ट धोखाधड़ी के बारे में बात की और लोगों से ऐसी किसी भी कॉल से डरने की बजाय सतर्क रहने की अपील की। उन्होंने कहा, “कोई भी जांच एजेंसी फोन पर पूछताछ नहीं करती है और अगर ऐसी कोई कॉल आती है, तो शांत रहें और सोच-समझकर कार्रवाई करें।” इसके अलावा उन्होंने नेशनल साइबर हेल्पलाइन 1930 और साइबर क्राइम वेबसाइट पर रिपोर्ट करने की सलाह दी।
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