West Bengal: पार्थ चटर्जी की जमानत पर फिर अटकी सुनवाई, जानिये क्या है कारण

प्राथमिक शिक्षक भर्ती घोटाले में फंसे पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की जमानत पर सुनवाई फिर से अटक गई है।

44

West Bengal: प्राथमिक शिक्षक भर्ती घोटाले में फंसे पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की जमानत पर सुनवाई फिर से अटक गई है। कोलकाता हाईकोर्ट में मामला यह तय नहीं हो सका है कि उनकी जमानत याचिका की सुनवाई किस अदालत में होगी। जब तक यह स्थिति स्पष्ट नहीं होती, उनकी जमानत पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सकेगा। अब अगली सुनवाई पांच दिसंबर को होनी है।

प्राथमिक शिक्षक भर्ती घोटाला मामला
प्राथमिक शिक्षक भर्ती घोटाले में सबसे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया था। इसके बाद इसी मामले में सीबीआई ने भी उन्हें गिरफ्तार किया। ईडी और सीबीआई दोनों ही ने यह मामला कोलकाता के विशेष अदालतों में दायर किया है।

ईडी का मामला दूसरे न्यायालय मे स्थानांतरित
ईडी का कहना था कि पार्थ चटर्जी के खिलाफ प्राथमिक शिक्षक भर्ती घोटाले में दोनों एजेंसियों के मामले की सुनवाई एक ही अदालत में होनी चाहिए, क्योंकि आरोप समान हैं। इसी आधार पर ईडी और सीबीआई के मामलों की सुनवाई कोलकाता के न्याय भवन स्थित विशेष अदालत में एक ही अदालत में करने का आदेश दिया गया था। हालांकि, बाद में ईडी के मामले को दूसरी अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया।

सीबीआई मामले में याचिका
इसके बाद सीबीआई के मामले को भी उसी अदालत में स्थानांतरित करने की याचिका दायर की गई। इसी बीच, हाईकोर्ट ने बैंकशाल कोर्ट में सीबीआई से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिए चार विशेष अदालतों में मुकदमों का वितरण (डिस्ट्रिब्यूशन) कर दिया। इस वितरण आदेश को एक व्यक्ति ने हाईकोर्ट में चुनौती दी, जो अब भी विचाराधीन है।

इस कारण से पार्थ चटर्जी की जमानत याचिका की सुनवाई निचली अदालत में नहीं हो पा रही है और मामला लंबित है। हाईकोर्ट में पार्थ चटर्जी सहित पांच लोगों की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान दो न्यायाधीशों के बीच मतभेद हो गया।

 Men’s Hockey Junior Asia Cup 2024: भारतीय टीम मस्कट रवाना , 27 नवंबर से इस टीम के खिलाफ होगी शुरुआत

जमानत का समर्थन
न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी ने जमानत देने का समर्थन किया। न्यायमूर्ति अपूर्व रॉय सिंह ने इसका विरोध किया। अब यह मामला हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम के पास भेजा गया है। मुख्य न्यायाधीश इसे तीसरी बेंच को सौंपेंगे, जहां इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

पार्थ चटर्जी की कानूनी उलझनें खत्म होती नहीं दिख रही हैं, क्योंकि मामला अदालतों में जटिलताओं से घिरा हुआ है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.