महाराष्ट्र राज्य खुफिया विभाग की पूर्व प्रमुख रश्मि शुक्ला ने फोन टैपिंग विवाद को लेकर बॉम्बे उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। शुक्ला की याचिका पर 6 अप्रैल को सुनवाई हुई। इस दौरान राज्य सरकार ने मुंबई उच्च न्यायालय को आश्वस्त किया कि हम रश्मि शुक्ला को गिरफ्तार नहीं करेंगे। शुक्ला के लिए यह राहत भरी खबर है।
शुक्ला ने बॉम्बे उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर राज्य सरकार से फोन टैपिंग मामले की जांच बंद कराने की मांग की है।
राज्य सरकार ने कही ये बात
मामले में एड. महेश जेठमलानी रश्मि शुक्ला की ओर से बहस कर रहे थे, जबकि एड. डेरियस खंबाटा राज्य सरकार की ओर से तथा सीबीआई की ओर से एएसजी अनिल सिंह बहस कर रहे थे। जस्टिस शिंदे और पिटले की पीठ के समक्ष यह सुनवाई हुई। इस दौरान डेरियस खंबाटा ने कहा कि हम रश्मि शुक्ला को गिरफ्तार नहीं करना चाहते हैं। उन्हें पूछताछ में सहयोग करना चाहिए और उनका बयान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दर्ज किया जाएगा।
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सीबीआई भी कर सकती है जांच!
न्यायालय ने यह भी कहा कि रश्मि शुक्ला को अगली सुनवाई तक गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए और उनको जांच में मुंबई पुलिस को सहयोग करना चाहिए। न्यायालय ने यह भी कहा कि अगर सीबीआई को इस मामले की जांच करनी है, तो वह भी कर सकती है।
पूछताछ के लिए दो बार भेजा समन
बता दें कि रश्मि शुक्ला वर्तमान में प्रतिनियुक्ति पर हैदराबाद में सीआरपीएफ की अतिरिक्त महानिदेशक हैं। उन्होंने मुंबई पुलिस से प्राप्त एक समन का जवाब दिया है। उन्होंने बताया है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए वह पूछताछ के लिए मुंबई पुलिस टीम के सामने उपस्थित नहीं हो पाएंगी। उन्होंने मांग की थी कि प्रश्न उन्हें मेल से भेजे जाएं।
मुंबई पुलिस ने दूसरी बार भेजा समन
इसके बाद शुक्ला को दूसरी बार मुंबई पुलिस ने समन भेजा और 3 मई तक पूछताछ के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया था। समन में मुंबई पुलिस ने उन्हें पूछताछ के लिए अपने आवास पर मौजूद रहने को कहा था। इससे पहले 21 अप्रैल को रश्मि शुक्ला से तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ 100 करोड़ रुपये की वसूली के मामले में सीबीआई ने पूछताछ की थी। बता दें कि मुंबई पुलिस के साइबर विभाग ने रश्मि शुक्ला के खिलाफ फोन टैपिंग मामले में केस दर्ज किया गया है।