इस दिन से भारत में बरसेंगे बदरा! पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने बताया अनुमान

देश में मॉनसून प्रवेश की तिथि घोषित हो गई है। गर्मी से झुलस रहे लोगों के लिए राहत भरी होगी ये बूंदें।

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केंद्रीय मौसम विज्ञान मंत्रालय ने उस तारीख की घोषणा कर दी है जिस दिन मॉनसून केरल को आच्छादित करेगा। मौसम विभाग के अनुसार 1 जून से इस बार मॉनसून केरल तट पर पहुंचेगा। इस वर्ष मॉनसून सामान्य रहेगा। इसके पहले भी विभाग बता चुका है कि वर्षा 98 प्रतिशत के आसपास रहेगा।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम राजीवन ने सूचित किया कि 15 मई तक भारत मौसम विभाग मॉनसून का आधिकारिक पूर्वानुमान जारी करेगा।

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भारत मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मॉनसून इस वर्ष सामान्य रहेगा। देश में 75 प्रतिशत भूभाग पर वर्षा दक्षिण पश्चिम मॉनसून से होती है। इस वर्ष मॉनसून 98 प्रतिशत के लगभग रहेगा।

मॉनसून सक्रिय काल
जून से सितंबर तक का काल प्रतिवर्ष दक्षिण पश्चिम मॉनसून का होता है। केरल तट पर पहुंचने के उपरांत यह देश के अन्य हिस्सों तक चरणबद्ध रूप से पहुंचता है। लगभग जुलाई के मध्य तक यह पूरी भारतीय उपप्रायद्वीप पर छा जाता है। देश में होनेवाली पूरी वर्षा का 75 प्रतिशत इस काल में होता है।

उत्तर पश्चिम मॉनसून 
प्रतिवर्ष देश के उत्तर पश्चिम भूभाग से मॉनसून पुन: सक्रिय होता है। इसके बाद यह चरबद्ध तरीके से दक्षिण पश्चिम की ओर बढ़ता है। तामिलनाडु रेन शेडो क्षेत्र में आता है। यह पश्चिमी घाट के पूरी क्षेत्र में आता है।

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दो मॉनसून
भारतीय उपप्रायद्वीप के मौसम में दो वर्षा ऋतु हैं। जिसमें से एक है उत्तर पूर्वी मॉनसून दूसरा है दक्षिण पश्चिमी मॉनसून। उत्तर पश्चिम मॉनसून को शीत ऋतु का मॉनसून कहा जाता है जबकि दक्षिण पश्चिम मॉनसून को ग्रिष्मकालीन मॉनसून कहा जाता है। उत्तर पूर्वी मॉनसून, भू भाग से समुद्र की ओर सक्रिय होता है जबकि दक्षिण पश्चिम मॉनसून समुद्र से सक्रिय होकर भू भाग पर आगे बढ़ता है। देश में दक्षिण पश्चिमी मॉनसून से 75 प्रतिशत वर्षा होती है।

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