Constitution: पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता रविशंकर प्रसाद ने संविधान की मूल प्रति दिखाकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की लाल किताब की सच्चाई का पर्दाफाश किया है। प्रसाद ने संविधान की मूल प्रति दिखाते हुए बताया कि इसमें फंडामेंटल राइट्स के ऊपर भगवान श्री राम की तस्वीर लगी है। साथ ही वे इसमें श्री लंका पर जीत के बाद अपने अनुज लक्ष्मण और देवी सीता माता के साथ अयोध्या लौट रहे हैं।
गौतम बुद्ध, महावीर और हनुमान जी की भी तस्वीर
रविशंकर प्रसाद ने बताया कि मूल संविधान में गौतम बुद्ध, महावीर के साथ ही बजरंग बली यानि हनुमान जी की भी तस्वीर है। नटराज की भी तस्वीर भी है। उन्होंने संविधान बनाने वाले सदस्यों के हस्ताक्षर भी दिखाए। इसके बाद उन्होंने सवाल दागा कि अगर संविधान आज बना हुआ होता और अगर इन तस्वीरों को आज लगाया जाता तो क्या कहा जाता कि भारत हिंदू राष्ट्र घोषित हो गया है।
लोकतंत्र से चलेगा देश
पूर्व कंद्रीय मंत्री ने कहा कि संविधान को बचाने की बात करने वाले न संविधान को समझते हैं और न संविधान को बनाने वालों की मानसिकता को समझते है।मैं स्पष्ट बता दूं ये देश लोकतंत्र है। लोकतंत्र से ही चलेगा। चुनाव से ही चलेगा। जनता के वोट से चलेगा।
पीएम का विजनरविशंकर प्रसाद ने आग कहा कि प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं विकास भी करेंगे और विरासत को भी बचाएंगे। लाल किले से 15 अगस्त को भी प्रधानमंत्री ने यही घोषणा की थी।
नैरेटिव सेट करने का प्रयास फेल
संविधान के बारे में लोकसभा चुनाव से शुरू हुई चर्चा अभी तक गरम है। कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से चुनाव से पहले देश की मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह संविधान को बदलने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के रहते संविधान को खतरा है। उसके बाद से यह मुद्दा इंडी गठबंधन की अन्य पार्टियों ने भी जोर-शोर से उठाना शुरू कर दिया। इसके साथ ही इंडी ने मोदी सरकार पर आरक्षण खत्म करने का प्रयास करने का आरोप भी लगाया। इन दोनों आरोपों के कारण कांग्रेस लोकसभा में 99 सीटें प्राप्त करने में सफल हो गई। लेकिन बाद में उसकी पोल खुल गई और हरियाणा विधानसभा चुनाव में उसकी करारी हार हुई और भाजपा की धमाकेदार जीत हुई। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर में भाजपा मजबूत विपक्ष बनकर लौटी, जबकि इस केंद्र शासित प्रदेश में भी कांग्रेस की स्थिति बदतर हो गई।
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महाराष्ट्र में भी असफल
महाराष्ट्र चुनाव से पहले भी राहुल गांधी ने उन्हीं नैरेटिव को सेट कर जनता को भरमाने की कोशिश की, लेकिन वे इसमें सफल नहीं हुए और महाराष्ट्र में उसकी करारी हार से साफ हो गया कि वे अपने मकसद में सफल नहीं हो पाए। अगले वर्ष दिल्ली में चुनाव होने हैं, और इस पर सबकी नजर है कि कांग्रेस नया क्या नैरेटिव सेट करने की कोशिश करती है।