प्रधानमंत्री मोदी ने देश में कोविड-19 से संबंधित स्थिति की एक व्यापक समीक्षा की। उन्हें विभिन्न राज्यों और जिलों में कोविड के फैलने को लेकर विस्तृत जानकारी दी गई। प्रधानमंत्री को उन राज्यों के बारे में जानकारी दी गई, जहां 1 लाख से अधिक मामले हैं। वहीं प्रधानमंत्री को इस बीमारी से सर्वाधिक प्रभावित जिलों के बारे में भी बताया गया।
प्रधानमंत्री को राज्यों द्वारा स्वास्थ्य सेवा संबंधित बुनियादी ढांचे की तैयारी के बारे में जानकारी दी गई। प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए जरुरी संसाधनों के बारे में सहायता और मार्गदर्शन दिया जाना चाहिए।
जल्द से जल्द कोरोना की रोकथाम पर चर्चा
इसके अलावा त्वरित और समग्र रोकथाम उपायों को सुनिश्चित करने की जरूरत पर भी चर्चा की गई। प्रधानमंत्री ने इस बात का उल्लेख किया कि राज्यों को ऐसे जिलों की पहचान करने के लिए एक एडवाइजरी भेजी गई थी, जहां संक्रमण के मामले 10 प्रतिशत या अधिक है और ऑक्सीजन-युक्त या आईसीयू बेड 60 प्रतिशत से अधिक भरे हुए हैं।
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दवाओं की उपलब्धता
प्रधानमंत्री ने दवाओं की उपलब्धता की भी समीक्षा की। उन्हें रेमडेसिविर सहित अन्य दवाओं के उत्पादन में तीव्र बढ़ोतरी के बारे में जानकारी दी गई। प्रधानमंत्री ने अगले कुछ महीनों में टीकों का उत्पादन बढ़ाने के लिए टीकाकरण और रोडमैप की प्रगति की समीक्षा की।
टीके की आपूर्ति की दी गई जानकारी
प्रधानमंत्री को इस बारे में बताया गया कि राज्यों को लगभग 17.7 करोड़ टीके की आपूर्ति की जा चुकी है। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने टीके की बर्बादी पर राज्यवार समीक्षा भी की। वहीं पीएम को बताया गया कि 45 साल से अधिक उम्र के लगभग 31 प्रतिशत योग्य आबादी को कम से कम एक टीके की एक खुराक दी जा चुकी है।
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पीएम ने कही ये बात
प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यों को संवेदनशील बनाने की जरूरत है, जिससे टीकाकरण की गति धीमी न हो। लॉकडाउन के बावजूद टीकाकरण के लिए नागरिकों को सुविधा प्रदान की जानी चाहिए और टीकाकरण में शामिल स्वास्थ्यकर्मियों को दूसरे कामों में नहीं लगाना चाहिए।
ये रहे उपस्थित
इस बैठक में राजनाथ सिंह, अमित शाह, निर्मला सीतारमण, डॉ. हर्षवर्धन, पीयूष गोयल और मनसुख मांडविया सहित अन्य मंत्री और शीर्ष अधिकारी उपस्थित थे।